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विघ्न निवारक, मंगलकारक, सर्व सिद्ध बीज मंत्र अनुष्ठान का आयोजन
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा विजयनगर के तत्वावधान में, साध्वी संयमलता जी के सान्निध्य में विघ्न निवारक, मंगलकारक बीज मंत्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि बीज मंत्र जप से अंतराय कर्मों का क्षयोपशम होता है। साथ ही, यह मंत्र अनुष्ठान स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और जीवन में शांति प्रदान करते हैं। अनुष्ठान से हमारी सम्यक दृष्टि, श्रद्धा एवं भक्ति पुष्ट होती है। व्यक्ति धन की, गाँव की, शहर की या पद की यात्रा करता है, लेकिन इस चातुर्मास काल में हमें सम्यकत्व की यात्रा करनी चाहिए। सम्यकत्व को प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा है 'मैं और मेरा' – अर्थात अहंकार और आग्रह। हमें इनसे बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए।
साध्वी मार्दवश्री जी ने अनुष्ठान करवाते हुए बीज मंत्रों का लयबद्ध उच्चारण करवाया। 'ॐ' की प्रलंब ध्वनि एवं पिरामिड का रक्षा कवच बनवाया गया। साध्वीश्री ने कहा कि ये मंत्र हमारे शुभ नामकर्म के उदय से प्राप्त यश-कीर्ति के संवाहक होते हैं तथा रिद्धि-सिद्धि के हेतु होते हैं। विभिन्न केंद्रों पर मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान ऋषभदेव की स्तुति से हुआ। कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष मंगल कोचर, महिला मंडल अध्यक्ष महिमा पटावरी सहित विजयनगर, राजाजीनगर, हनुमंत नगर के श्रावक- श्राविकाओं की उपस्थिति रही।