आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल परिसर के प्रांगण में आचार्य भिक्षु के 300वें जन्मोत्सव का विशेष कार्यक्रम 'शासनश्री' मुनि मणिलालजी के सान्निध्य में आयोजित हुआ। केन्द्र निर्देशानुसार भिक्षु जप व स्तुति के पश्चात् मुनि मणिलालजी ने कहा— आचार्य भिक्षु के व्यक्तित्व और कर्तृत्व को व्यक्त करना असंभव है। उस महापुरुष को जानना, पहचानना, समझना और उनके बारे में बोलना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है, क्योंकि उनका जीवन विलक्षण था। मुनि धर्मेशकुमारजी ने कहा— आचार्य भिक्षु एक महान योगी पुरुष थे। उनकी योग साधना विलक्षण थी। वे आत्मनिष्ठ थे। आत्मनिष्ठ व्यक्ति बहुत कम बोलते हैं, लेकिन उनका जीवन स्वयं बोलता है। ऐसे योगी पुरुष की आध्यात्मिक चेतना सदैव जागृत रहती है। वे सच्चे साधक होते हैं। मुनि चैतन्यकुमार जी ‘अमन’ ने कहा— आचार्य भिक्षु जैसे महापुरुषों का अवतरण कभी-कभी ही होता है। उनकी सत्यनिष्ठा अद्भुत होती है। उन्होंने सत्य को खोजा, उसे पाया और अपने जीवन को न केवल स्वयं के लिए, बल्कि पर-कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर समाधि स्थल संस्थान के अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल ने आगंतुक भक्तों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए आचार्य भिक्षु के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मुनि गिरिशकुमारजी, मुनि प्रतीककुमारजी एवं मुनि लक्ष्यकुमारजी ने भी श्रद्धा की अभिव्यक्ति करते हुए अपने विचार रखे। सिरियारी के ठाकुर दिलीपसिंह एवं श्यामसिंह ने भी अपनी आस्था व्यक्त की। आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी कार्यक्रम का शुभारंभ जैन ध्वज के ध्वजारोहण के साथ हुआ, जिसे संस्थान अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल ने संपन्न किया। इस अवसर पर संस्थान के पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्यगण आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। अहमदाबाद से पधारी संगायिका निष्ठा टोडरवाल ने भजन प्रस्तुतियाँ देकर वातावरण को भक्ति रस में सराबोर कर दिया, जिसमें संगीत सहयोग राहुल बालड़ ने प्रदान किया। संगायिका निष्ठा टोडरवाल को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के कोषाध्यक्ष गौतम कोठारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन आचार्य भिक्षु समाधि स्थल संस्थान के मंत्री मर्यादा कुमार कोठारी ने अत्यंत कुशलतापूर्वक किया।