
संस्थाएं
जैन विद्या परीक्षा 2024 के प्रमाण-पत्र वितरित
सन् 2024 के जैन विद्या परीक्षा के प्रमाण-पत्रों का वितरण साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा सिकंदराबाद के तत्वावधान में तेरापंथ भवन, डी.वी. कॉलोनी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुई। तत्पश्चात जैन विद्या गीतिका का सुमधुर संगान सह-केन्द्र व्यवस्थापिकाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। सभा अध्यक्ष ने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सभी से जैन विद्या परीक्षा से जुड़ने का आग्रह किया। तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश के जैन विद्या परीक्षा प्रभारी पदमचंद दुगड़ ने संकाय की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि इस वर्ष 15 परीक्षार्थियों ने विज्ञ प्राप्त किया तथा 7 परीक्षार्थियों को वरीयता प्राप्त हुई है। उन्होंने आगामी वर्ष के लिए हैदराबाद केंद्र को 500 फार्म भरवाने का लक्ष्य घोषित करते हुए सभी से सहयोग का अनुरोध किया।
केंद्र व्यवस्थापिका हेमा मालू ने जैन विद्या की संपूर्ण जानकारी देते हुए समाज के प्रत्येक सदस्य से इस उपक्रम से जुड़ने एवं फार्म भरने का आह्वान किया। साध्वी दक्षप्रभाजी एवं मेरूप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से तथा साध्वी मयंकप्रभाजी ने अपने वक्तव्य द्वारा सभी को जैन विद्या परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। साध्वी डॉ. गवेषणा श्रीजी ने अपने उद्बोधन में 'पढमं नाणं तओ दया' का उल्लेख करते हुए ज्ञानार्जन के लिए जैन विद्या परीक्षा से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि ज्ञान प्राप्त करने का पहला चरण स्वाध्याय, दूसरा ध्यान और तीसरा तप है, जिनके माध्यम से मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ा जा सकता है। कार्यक्रम में 9 बहनों द्वारा जैन विद्या परीक्षा पर आधारित रोचक प्रस्तुति दी गई। इसके पश्चात सभा द्वारा 15 विज्ञ धारकों, 7 वरीयता प्राप्त परीक्षार्थियों तथा हैदराबाद स्तर पर भाग 1 से 8 तक के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कुल 30 परीक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं सुंदर मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया। शेष सभी परीक्षार्थियों को भी प्रमाण-पत्र एवं पंकज ऋषभ मालू द्वारा प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। आंचलिक संयोजिका संगीता गोलछा, केंद्र व्यवस्थापिका हेमा मालू एवं सभी सह-केन्द्र व्यवस्थापिकाओं ने टीमवर्क के माध्यम से प्रमाण-पत्र वितरण की अत्यंत सुंदर व्यवस्था की। कार्यक्रम के अंत में प्रेम संचेती ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन यशोदा कोठारी ने सुव्यवस्थित रूप से किया।