चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

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गंगावती, कर्नाटक।

चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि आकाश कुमार जी एवं सहवर्ती मुनि हितेंद्र कुमार जी का मंगलमय चातुर्मासिक प्रवेश तेरापंथ सभा भवन, गंगावती में भव्य रूप से संपन्न हुआ। मुनि आकाशकुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत देश उगते सूरज का देश है, जहां भौतिकता के साथ-साथ आध्यात्मिकता का सूर्य भी सदैव उदित रहता है। उत्तर कर्नाटक व गंगावती को यह चातुर्मास एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा, जिसमें ज्ञान, ध्यान, तप एवं स्वाध्याय का विकास होता रहेगा। मुनिश्री ने आराध्य की अभिवंदना करते हुए कहा कि गुरुवर के निर्देशानुसार आज गंगावती में चातुर्मास प्रवेश हो गया है। मुनि हितेंद्र कुमार जी ने सूरत से गंगावती तक की विहार यात्रा की संक्षिप्त जानकारी दी और इस चातुर्मास काल में अधिक से अधिक आध्यात्मिक प्रवृत्तियों को अपनाने की प्रेरणा दी। इससे पूर्व मुनिश्री ने विद्या निकेतन विद्यालय से विहार प्रारंभ किया। भिक्षु चेतना रैली जय घोष के साथ गंगावती के मुख्य मार्गों से होती हुई तेरापंथ भवन पहुँची।
स्वागत एवं अभिनंदन कार्यक्रम सालेचा स्वाध्याय भवन में नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ प्रारंभ हुआ। तेयुप एवं महिला मंडल गंगावती द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। सभाध्यक्ष महावीर बागरेचा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए मुनिवृंद के सफलतम चातुर्मास की मंगलकामनाएं प्रेषित कीं। UKTAS अध्यक्ष राजेंद्र जीरावला, मंत्री रमेश चौपड़ा, वरिष्ठ श्रावक अजितराज सुराणा, महिला मंडल, कन्या मंडल, संघ की बहनों, महावीर पाठशाला के बच्चे, हिरियुर से आए देवराज चौपड़ा, होसपेट महिला मंडल आदि ने वक्तव्य एवं गीतिकाओं के माध्यम से स्वागत एवं अभिवंदना प्रेषित की। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर तेयुप बल्लारी, महिला मंडल बल्लारी, सिंधनूर एवं कोप्पल का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। UKTAS मंत्री रमेश चौपड़ा ने नवमनोनीत अध्यक्षों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन सुमेर कोचर ने किया।