गुरुमुखी और संघमुखी बनकर करें साधना

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बालोतरा।

गुरुमुखी और संघमुखी बनकर करें साधना

तेरापंथ भवन में साध्वी अणिमाश्री जी का डिजिटल डिटॉक्स रैली के साथ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। भवन प्रवेश से पूर्व 'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभाजी ठाणा 3 ने सुमधुर गीत के साथ साध्वीश्री का स्वागत किया। 'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चातुर्मास का समय आत्मोदय और आत्मोत्थान का समय होता है। आत्मा की अखंड ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए साधु-साध्वियाँ अपने चातुर्मासिक स्थलों पर प्रवेश कर रहे हैं। आज बालोतरा के विशाल तेरापंथ भवन में विराट व्यक्तित्व की धनी साध्वी अणिमाश्री जी का चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। वे धर्मसंघ की विशिष्ट, प्रभावशाली, ज्ञान, विनय और अनुभव से संपन्न साध्वी हैं। उनके जीवन में प्रबुद्धता और विनम्रता का अद्भुत संयोग है। उनकी कार्यशैली और अनुशासन शैली बेजोड़ है। हम मंगल कामना करते हैं कि उनका यह बालोतरा पावस नया इतिहास रचे और उनके कर्तृत्व से संघ की कीर्ति चारों ओर फैले।
साध्वी अणिमाश्री जी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पूज्यप्रवर के निर्देश की पूर्णाहुति का पावन क्षण है। तेरापंथ धर्मसंघ एक अलबेला संघ है, जहाँ गुरु आज्ञा सर्वोपरि है। गुरु आज्ञा ही प्राण, त्राण और शरण है। अपेक्षा है कि श्रावक समाज में गुरु भक्ति निरंतर अभिवर्धित होती रहे। सभी गुरुमुखी और संघमुखी बनकर साधना-आराधना करें। साध्वीश्री ने आगे कहा-- श्रद्धेया साध्वीप्रमुखा श्री जी ने अपने संदेश में लिखा कि आपको बालोतरा जैसा श्रद्धावान क्षेत्र मिला है, अतः ऐसा लक्ष्य बनाएं कि हमें वैरागी-वैरागिण प्राप्त हों। मैं आज श्रावक समाज से आह्वान करती हूँ कि हम पूज्यप्रवर की ऊर्जा और आशीर्वाद से सवाया कार्य करें और आप भी हमें ऐसा रिटर्न गिफ्ट दें, ताकि हम वैरागी-वैरागिण तैयार कर पूज्यप्रवर के चरणों में समर्पित कर सकें।
साध्वीश्री ने कहा कि चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर हमारा जो स्वागत हो रहा है, वह संघ, गुरु आज्ञा और गुरु कृपा का स्वागत है। इस चातुर्मास में तप-जप की गंगा में अवगाहन कर आत्मा को उज्जवल बनाएं। उन्होंने कहा कि यह उनका 28वां चातुर्मास है, लेकिन ऐसा पहला अवसर है जब शासनश्री स्वयं पट्ट पर विराजमान होकर आशीर्वाद देने हेतु उपस्थित हैं। उनके अनुभव और कौशल से हमारी कार्यशैली भी नया रंग लेगी। उनकी ऋजुता और मृदुता मन को अभिभूत करने वाली है। उनके आशीर्वाद से यह चातुर्मास सफल और सफलतम होगा, ऐसा विश्वास है।
साध्वी कर्णिकाश्री जी, डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने 'महाश्रमण स्पेशल स्पिरिचुअल रिसॉर्ट' की प्रस्तुति द्वारा चातुर्मासिक कार्यक्रमों की झांकी प्रस्तुत की। साध्वी ध्यानप्रभा जी, साध्वी ऋतुप्रभा जी और साध्वी श्रुतप्रभा जी ने अपने भावों की प्रस्तुति देते हुए गीतों के माध्यम से साध्वीवृंद की वर्धापना की। सभा उपाध्यक्ष ललित जीरावाला, महिला मंडल नवनिर्वाचित अध्यक्षा चंचल देवी भंडारी, पूर्व अध्यक्ष निर्मला संखलेचा, तेयुप नवनिर्वाचित अध्यक्ष संदीप रेहड़, निवर्तमान अध्यक्ष रौनक श्रीश्रीमाल, टीपीएफ अध्यक्ष रमेश भंसाली, अणुव्रत समिति नवनिर्वाचित अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा, ऋषि चोपड़ा, जयपुर सभा उपाध्यक्ष सुरेंद्र सेठिया और दिल्ली से समागत सरिता सेठिया ने अपने मंगल भावों की प्रस्तुति दी। महिला मंडल ने 'चातुर्मासिक स्पेशल ट्रेन' की सुंदर प्रस्तुति के माध्यम से साध्वीवृंद का परिचय दिया और सामूहिक गीत का संगान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सभा मंत्री प्रकाश वेद ने किया।