उन्नति का मूलमंत्र है शान्ति
डोंबिवली। ब्रह्मकुमारी आश्रम की दीदियों ने बड़े ही आदर भाव से उग्रविहारी तपोमुर्ति मुनि कमल कुमार जी का प्रवचन अपने आश्रम में करवाया। मुनिश्री का स्वागत करने दिल्ली में 58 वर्षों से सेवा दे रही दीदी भी पहुंची। कई आश्रमों से ब्रह्मकुमार और ब्रह्मकुमारियां भी मुनिश्री का प्रवचन सुनने पहुंचे। मुनि श्री ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि आज सब कुछ व्हाइट ही व्हाइट नजर आ रहा है। श्वेत रंग शान्ति का प्रतीक होता है। उन्नति का मूलमंत्र भी शान्ति ही है। अध्ययन, साधना, जप-तप, स्वाध्याय भी शान्ति से शोभनीय होते हैं। तीर्थंकरों की वाणी भी यही है कि जितने भी बुद्ध और तीर्थंकर हुएं हैं और जितने होंगे उनका आधार शान्ति है। जिस व्यक्ति के दिमाग में शान्ति होती है उसकी वाणी में मिठास होती है जिससे दुनिया उनके पास आ जाती है। शांति से ही घर में उल्लास और विकास होता है। आश्रम से संबंधित जन ने मुनिश्री को पुन: पधारने का आग्रह भरा निवेदन किया।