
दीक्षार्थी मुमुक्षु नखत का अभिनंदन
नोखा। संसार से विरक्त होना पुण्योदय होता है। वैराग्य कब आ जाए, किस उम्र में संयम लेने की भावना जागृत हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता। गुरु महाश्रमण जी की सतत उपासना करने वाले, आचार्य श्री तुलसी के समय से निरंतर रास्ते की सेवा करने वाले 68 वर्षीय भीखमचंद जी नखत का जीवन एक प्रेरणा देने वाला है। यह उद्गार ‘शासन गौरव’ साध्वी राजीमतीजी ने नखत के अभिनंदन पर कहे। नखत ने कहा आचार्य श्री ने मुझे कृपा करके साधु प्रतिक्रमण सीखने की आज्ञा प्रदान की है। तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मंडल द्वारा दुपट्टा व साहित्य द्वारा सम्मान किया गया और संयम की ओर बढ़ रहे नखत के प्रति मंगल भावना व्यक्त की।