कार्यशाला एवं तपोभिनन्दन समारोह
कोयम्बतूर स्थित तेरापंथ जैन भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि दीप कुमारजी ठाणा-2 के सान्निध्य में ‘बड़ी सोच का बड़ा जादू’ विषयक कार्यशाला एवं आठ एवं उससे ऊपर की तपस्या करने वालों का तप अभिनंदन समारोह का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा- कोयम्बतूर द्वारा किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा- ‘बड़ी सोच हर समस्या का समाधान है। प्रकृति ने इंसान को सोचने की शक्ति दी है, समझने की शक्ति दी है। इस क्षमता के बलबूते इंसान संसार के समस्त प्राणियों में सबसे ऊपर है। बड़ी सोच स्वयं ही एक सुंदर मंदिर हैं, जहां से सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम् का मनभावन संगीत अहर्निश फूटता रहता है। सकारात्मक सोच के लोग छोटी से छोटी बात पर भी समझौता करने को तैयार हो जाते हैं। नकारात्मक सोच वाले अड़ियल रुख अपनाएं रखते हैं। बड़ी सोच को विकसित कर लिया जाए तो फिर बड़ा जादू होते भी देर नहीं लगेगी।’ मुनि काव्य कुमार जी ने कहा- ‘इंसान कोई बुरा नहीं होता उसकी बुरी सोच उसे बुरा बना देती है। जब सोच में गिरावट आती है तब हर रिश्ते में रुकावट आती है। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के पदाधिकारियों द्वारा तपस्या करने वालों को अभिनन्दन पत्र, साहित्य एवं सामायिक किट भेंट कर अभिनन्दन किया गया। संचालन सभा अध्यक्ष देवीचंदज मंडोत द्वारा किया गया।