संथारा समाचार

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रायपुर। संथारा साधक छतरसिंह बच्छावत चाड़वास के जाने माने लेखक, कवि, वक्ता और संचालक थे। आपने 88 वर्ष की आयु में अक्षय तृतीया के दिन स्वयं संज्ञान लेते हुए 10 मई 2024 को रायपुर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष गौतम गोलछा, पुत्री इंदू जैन एवं पुत्र कनक बच्छावत व समस्त पारिवारिक जनों की उपस्थिति में सागारी संथारा का प्रत्याख्यान किया।
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी ने महत्ती कृपा कर समणी निर्देशिका विपुल प्रज्ञाजी एवं समणी आदर्शप्रज्ञाजी को आध्यात्मिक संबल हेतु रायपुर भिजवाया। दिनांक 13 मई 2024 को गुरुदेव की आज्ञा अनुसार तिविहार सागारी संथारे का प्रत्याख्यान करवाया गया और 14 दिन बाद वैशाख शुक्ल पूर्णिमा की प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे चौविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया गया। दृढ़ मनोबल के साथ आपने धर्माराधना करते हुए 2 जून वैशाख कृष्णा दशमी को मध्यरात्रि 1:35 बजे नश्वर देह को त्याग दिया। आचार्यप्रवर ने परिवार को लगभग 3 बार संदेश प्रदान करवाए। श्री बच्छावत ने योजनात्मक ढंग से, पूर्ण सजगता व जागरूकता के साथ अनशन स्वीकार किया व समभाव से अपनी यात्रा पूर्ण की व श्रावक के अंतिम मनोरथ को सिद्ध किया।