आचार्यश्री महाश्रमण जी हैं अक्षय उर्जा के स्रोत : अर्जुनराम मेघवाल

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आचार्यश्री महाश्रमण जी हैं अक्षय उर्जा के स्रोत : अर्जुनराम मेघवाल

अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण के दीक्षा कल्याण महोत्सव पर अपनी अभिवंदना समर्पित करने भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में उपस्थित हुए। उत्तर हावड़ा स्थित श्रीराम वाटिका में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा उत्तर हावड़ा द्वारा यह गरिमा पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। मेघवाल ने कहा कि मैं राजनीति में विश्व के महान दार्शनिक आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के आशीर्वाद से आया। मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में मैं अंहिसा, नैतिकता व नशामुक्ति पर बल देने वाले अणुव्रत आन्दोलन का सक्रिय सिपाही हूं।
अणुव्रत संसदीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक के नाते मेरे अनेक कार्यक्रमों से चारित्र निर्माण व राष्ट्र उत्थान का सीधा संदेश गया है। मैं समय-समय पर आचार्य प्रवर के दर्शन करता रहता हूं, उन जैसे महापुरुषों से हमें उर्जा मिलती है, वास्तव में आचार्य श्री महाश्रमण जी अक्षय उर्जा के स्रोत हैं। उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा- अनुत्तर श्रद्धा, अप्रतिहत निर्णय शक्ति, अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग, अप्रतिम करुणा, अविरल चारित्र एवं उपशम कषाय के समुच्चय का नाम है- आचार्य श्री महाश्रमण। वे मानवता के मसीहा, शांति के देवता, वीतरागता की प्रतिमुर्ति, सिद्ध साधक अनुत्तर संयमयोगी, विनय वात्सल्य से भरपूर निश्छल व्यक्तित्व के धनी हैं। उनकी उज्ज्वल जीवन गाथा सबके लिए प्रेरणास्पद है। वे समय-समय पर समाज में व्याप्त बुराइयों व कुरुढ़ियों पर प्रहार करते हैं। वे प्रदर्शन नहीं निदर्शन की साधना पर बल देते हैं। वैशाख शुक्ला चतुर्दशी के दिन सरदारशहर में आचार्य श्री तुलसी की आज्ञा से मुनिश्री सुमेरमलजी 'लाडनूं' के करकमलों से वे दीक्षित हुए। उनकी प्रतिभा एवं निष्ठा को देखकर आचार्य श्री तुलसी ने उनको महाश्रमण अलंकरण से अलंकृत किया और आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें युवाचार्य के पद पर प्रतिष्ठित किया। लाखों-लाखों लोगों को अहिंसा यात्रा के जरिये सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति का पावन संदेश प्रदान किया। उनके दीक्षा के 50वर्षों की सम्पन्नता पर मंगलकामना करते हैं कि वे दीर्घायु हों, निरामय रहते हुए दीर्घकाल तक मानव समाज का पथ दर्शन करते रहें।
मुनि कुणालकुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सामायिक के साथ नमस्कार महामंत्र के जप अनुष्ठान से हुआ। अभ्यर्थना गीत उत्तर हावड़ा तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष राकेश संचेती ने दिया। तेरापंथ कन्या मंडल ने महाश्रमण अष्टकम् का संगान किया। अभ्यर्थना के क्रम में कोलकाता की अनेकों सभाओं के पदाधिकारियों ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री सुरेन्द्र बोथरा ने व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का सभा द्वारा सम्मान किया गया। मुनि जिनेशकुमार जी द्वारा रचित गीतों के फोल्डर 'श्रद्धा स्तुति' का उत्तर हावड़ा सभा ट्रस्ट द्वारा अनावरण किया गया। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने संयम के संकल्प भी स्वीकार किए।