अक्षय तृतीया दिवस पर आयोजित िवभिन्न कार्यक्रम

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अक्षय तृतीया दिवस पर आयोजित िवभिन्न कार्यक्रम

साध्वी अणिमाश्रीजी एवं साध्वी संगीतश्रीजी के सान्निध्य में समुदाय-भवन में अक्षय-तृतीया वर्षीतप समारोह का भव्य आयोजन दिल्ली एवं शाहदरा सभा के संयुक्त तत्त्वावधान में विशाल जनमेदिनी की उपस्थिति में समायोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा- भगवान ऋषभ इस युग के जनक थे, कर्मयुग एवं धर्मयुग के प्रणेता था। उन्होंने असि, मसि, कृषि का सम्यक् प्रवर्तन कर अध्यात्म-युग का प्रवर्तन करने के लिए सन्यास का मार्ग स्वीकार किया। लोग भिक्षु की भिक्षाविधि से अनजान थे इसलिए तेरह महीने दस दिन तक भिक्षा नहीं मिली। आखिर अक्षय तृतीया के दिन पड़पौत्र श्रैयांस ने इक्षुरस के द्वारा आदिनाथ भगवान का पारणा करवाया। भगवान ऋषभ की स्मृति में आज भी जैन समाज के हजारों-हजारों व्यक्ति वर्षीतप कर आत्म उज्जवलता को बढ़ाते हैं। साध्वीश्री ने कहा आज साध्वी संगीतश्रीजी आदि चारों साध्वियां चौथा वर्षीतप सानंद संपन्न कर आह्लादित हो रही हैं। यह तेरापंथ धर्मसंघ का विरल सिंघाड़ा एवं इकलौता सिंघाड़ा हैं जिसमें सारी साध्वियां वर्षीतप कर रही हैं । आज हमें वर्षीतप अनुमोदना एवं पारणा करवाने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। साध्वीश्री ने कहा आज बारह तपस्वी बैठे हैं, सभी ने दृढ मनोबल एवं आत्मबल से वर्षीतप किया है। साध्वी संगीतश्रीजी ने अपने हृदयोदगार व्यक्त करते हुए कहा जैन परम्परा में अनेक त्योहार आते हैं, उनमें एक है- अक्षय तृतीया। भगवान ऋषभ की स्मृति में मनाया जाने वाला यह महत्वपूर्ण उत्सव है। भगवान ऋषभ किसी व्यक्ति का नाम नहीं एक संस्कृति, परम्परा, सभ्यता एवं गौरवशाली इतिहास का नाम है। अक्षय तृतीया बहुत शुभ दिन माना गया है यदि इस दिन सोमवार और साथ में रोहिणी नक्षत्र हो तो पोबारा पच्चीस होता है। आज गुरुदेव की कृपा से हम चारों साध्वियों के वर्षीतप सानंद संपन्न हो रहा है। पूज्य गुरुदेव एवं साध्वी प्रमुखाश्रीजी ने हमें संदेश प्रदान कर वात्सल्य की कृपा वृष्टि की है। मेरे व साध्वी शांतिप्रभाजी के सातवां वर्षीतप एवं साध्वी कमलविभाजी एवं साध्वी मुदिताश्री जी के चौथे वर्षीतप की सम्पन्नता पर मन प्रमुदित एवं पुलकित है। डाॅ. साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने तेरापंथ के टाॅप सेलिब्रेटी कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी। साध्वी शांतिप्रभाजी, साध्वी कमलविभाजी एवं साध्वी मुदिताश्रीजी ने भगवान ऋषभ के जीवन वृत्त की प्रस्तुति देते हुए साध्वी अणिमाश्रीजी के वर्ग की प्रमोदभावना का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, शाहदरा सभाध्यक्ष पन्नालाल बैद, कल्याण परिषद के संयोजक के.सी. जैन, महासभा उपाध्यक्ष संजय खटेड़ आदि ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। मीडिया प्रभारी महेन्द्र चोरड़िया ने बताया कि कार्यक्रम का कुशल संचालन दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया। तपस्वियों के पारिवारिक सदस्यों ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा तप की अनुमोदना की।