संस्कार हमारे जीवन की अनमोल धरोहर
चंगड़ा बांधा।
मुनि प्रशांत कुमार जी, मुनि कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में चंगड़ा बांधा श्रावक समाज में धार्मिकता की अद्भुत जागृति आई। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि जीवन में संगति का बड़ा असर होता है। बुरी आदतें संगति से ही आती हैं। आदमी की पहचान उसकी संगति से हो जाती है। जीवन में अच्छी आदतें होनी बहुत जरूरी हैं। जीवन में अच्छे गुणों का विकास करना चाहिए। गुणों के विकास से ही जीवन का उत्थान होता है। गुण एवं अवगुण दोनों का संघर्ष हमारे जीवन में चलता रहता है। अच्छे संस्कार हमारे जीवन का सर्वांगीण विकास करते हैं। संस्कार हमारे जीवन की अनमोल धरोहर हैं। बिना संस्कार के जीवन का कोई महत्त्व नहीं है। अच्छे संस्कारों से हमारी आदतें, व्यवहार, आचार सम्यक् बने रहते हैं। गुस्सा करने वाला व्यक्ति स्वयं का ही नुकसान करता है। गुस्से के कारण से शरीर के रसायन भी खराब हो जाते हैं। मन पर अपना कंट्रोल रखना चाहिए। मन में बुरे विचार इच्छाएँ पैदा होती रहती हैं। हमें मन का मालिक बनना है। करणीय-अकरणीय का विवेक जीवन को सफल बना देता है। हम अच्छे और बुरे पर चिंतन करें। अपनी विवेक की शक्ति को सदैव जागृत रखें।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि जीवन में धर्म का बहुत महत्त्व है। धार्मिकता हमारे जीवन विकास का रास्ता खोलती है। आगमवाणी सुनने से एवं स्वाध्याय करने से हमारी चेतना जागृत होती है। जागृत चेतना वाला व्यक्ति अपने जीवन की दशा एवं दिशा दोनों को बदल देता है। जीवन में आनंद, शांति को पाना है तो अपनी गलती को देखना सीखें और उसे दूर करने का प्रयास करें। दूसरों की अच्छाई को देखकर अपने जीवन में लाने का प्रयास करें। साधु-साध्वी के सान्निध्य से प्राप्त ज्ञान को जीवन व्यवहार में लाएँ। चंगड़ा बांधा की धार्मिक भावना को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। यहाँ जितना समय दें उतना उतना कम है। युवकों ने प्रेरणा प्राप्त कर आजीवन व्यसनमुक्त एवं आजीवन सामायिक करने का नियम ग्रहण किया। श्रावक समाज में सेवा भावना बहुत है, सभी के प्रति मंगलकामना।