भगवान पार्श्व जन्म कल्याणक दिवस पर जप अनुष्ठान का आयोजन

संस्थाएं

भगवान पार्श्व जन्म कल्याणक दिवस पर जप अनुष्ठान का आयोजन

राजरहाट, कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में भगवान पार्श्व जन्म कल्याणक दिवस पर जप अनुष्ठान कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथी सभा सॉल्टलेक एवं आचार्य महाश्रमण एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किया गया। जप अनुष्ठान में लगभग 111 जोड़ों व सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में उपसर्गहर स्तोत्र, बीजमंत्र एवं पार्श्वनाथ मंत्रों का जप श्रद्धालुओं द्वारा स्वस्तिक आकार में बैठकर भी किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि भगवान पार्श्व इस अवसर्पिणी काल के 23वें तीर्थंकर हुए हैं। भगवान महावीर ने उनके लिए ‘पुरुषादानी’ शब्द का प्रयोग किया है अर्थात् वे पुरुषों में श्रेष्ठ थे। राजकुमार पार्श्व अतीन्द्रिय ज्ञान के धनी थे। वे प्रारंभ से ही क्रांतिकारी थे। उन्होंने अंधविश्वास व अज्ञान पर विशेष प्रहार किया। मुनिश्री ने आगे कहा कि वर्तमान दुनिया में हिंसा, आतंक, भय, भ्रष्टाचार, अत्याचार व अराजकता का माहौल बना हुआ है ऐसी स्थिति में भगवान पार्श्व के बताए मार्ग पर विश्व चले तो अनेक वैश्विक समस्या का समाधान हो सकता है। आज भगवान पार्श्व जन्म कल्याणक है। जन्म दिवस त्याग, तपस्या के द्वारा मनाना चाहिए। भगवान पार्श्व का जप करके जीवन को निर्मल व पवित्र बनाएँ।
इस अवसर पर बालमुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेममं, पूर्वांचल द्वारा 108 महिलाओं के साथ भगवान पार्श्व की स्तुति गान के मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। कार्यक्रम में बृहतर कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुजन उपस्थित रहे। इस अवसर पर अच्छी संख्या में उपवास, बेला, तेला तप के प्रत्याख्यान हुए। आवासीय अष्टदिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का भी शुभारंभ हुआ। एएमएमईआरएफ के अध्यक्ष भीखमचंद पुगलिया, धर्मपत्नी सुशीला देवी पुगलिया एवं माता किरण देवी पुगलिया पौषध व्रत में जप अनुष्ठान में सम्मिलित हुए।