परमार्थ चेतना का जागरण हमारा परम लक्ष्य है
रोहिणी, दिल्ली।
साध्वी अणिमाश्री जी का खिलौनी देवी धर्मशाला में नववर्ष के मंगलपाठ के पश्चात रोहिणी के लिए मंगल विहार हुआ। साध्वीवृंद का वीर अपार्टमेंट के जैन स्थानक में पावन पदार्पण हुआ। यहाँ के श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति भाव के साथ साध्वीवृंद का स्वागत किया। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि जैन संत चरैवेति-चरैवेति सूत्र के साथ चातुर्मास संपन्न होते ही अपनी विहारचर्या प्रारंभ कर देते हैं। अपनी साधना के साथ-साथ जन-जागरण का सिंहनाद करते हैं। आत्मोदय के साथ-साथ जन आत्मोदय के प्रति भी जागरूक रहते हैं। जन-जन के भीतर परमार्थ-चेतना के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं।
साध्वीश्री जी ने कहा कि आज हम विहार करते-करते बालाजी एवं वीर अपार्टमेंट में आए हैं। परमपूज्य गुरुदेव की महती कृपा कर हमें दिल्ली क्षेत्र प्रदान किया। दिल्ली के श्रावकों में श्रद्धा भक्ति एवं सेवा भावना है। संघ, संघपति के प्रति श्रद्धा भक्ति बढ़ती रहे। श्रावकपन पुष्ट होता रहे। साधना प्राणवान बने, ऐसी मैं मंगलकामना करती हूँ। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा कि जीवन में सफल होने का महत्त्वपूर्ण सूत्र हैµसमर्पण। हम अपने समर्पण से संघ की पोथी में नए नगमें लिखे। डॉ0 साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी इच्छाओं का संयम करता है, वह हमेशा शांत व सुखी रहता है। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने कहा कि हमें कोहिनूर हीरे की तरह मनुष्य जन्म मिला है। हमें अपने कर्तव्य से जीवन को आबदार बनाना है।
साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। अभातेममं की चीफ ट्रस्टी पुष्पा बैंगानी, दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष विमल बैंगानी, रतनलाल जैन, कमल बुच्चा ने अपने भावों से साध्वीवृंद का स्वागत किया।