माँ का दिशाबोध-बेटी की उड़ान कार्यशाला
तिरुवन्नामलाई।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में ‘माँ का दिशाबोध-बेटी की उड़ान’ कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र एवं महिला मंडल द्वारा प्रेरणा गीत के संगान से हुआ। अध्यक्ष संतोष बाई सेठिया ने सभी का स्वागत किया। तत्पश्चात मंत्री दीपिका सेठिया ने संयोजन किया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि हमारी बेटियाँ हर दिशा में उड़ान कर रही हैं। माँ माली है, शिक्षक है, संरक्षक हैं, ममता है, बच्चों के जीवन की प्रथम पाठशाला है। माँ का जैसा संकल्प होता है, उसी रूप में माँ अपने बच्चों को आकार में ढाल सकती है। माता का अति प्यार वर्तमान में बेटियों की समस्या बनती जा रही है।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि दुनिया में अनेक रिश्ते हैं, उसमें महत्त्वपूर्ण रिश्ता है माँ-बेटी का, माँ ममता का महाकाव्य है। आस्था का अक्षरधाम है, तो बेटी चिड़ियों की चहक है, फूलों की महक है, यह प्यार, ममत्व, स्नेह का संबंध है। साध्वी मेरूप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। नैना सेठिया ने आभार ज्ञापन किया।