बीकानेर संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
गंगाशहर।
तेममं, बीकानेर संभाग स्तरीय कार्यशाला शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी, साध्वी ललितकला जी के सान्निध्य में गंगाशहर महिला मंडल द्वारा ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ आंचलिक कार्यशाला का आयोजन दो सत्रों में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। ‘मेरा परिवार-मेरी जिम्मेदारी’ का लोगो विमोचन राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा एवं महामंत्री नीतू ओस्तवाल ने किया। महिला मंडल, गंगाशहर की बहनों ने सुमधुर स्वर में अपने भावों की अभिव्यक्ति मंगलाचरण द्वारा दी। संजू लालानी अध्यक्ष, गंगाशहर ने स्वागत वक्तव्य में सभी का स्वागत किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ममता रांका ने साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन किया।
साध्वी ललितकला जी ने कहा कि स्त्री के दो रूप होते हैंµप्रथम कलहकारी और द्वितीय कल्याणकारी। कल्याणकारी रूप परिवार को स्वर्ग बनाता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा के नामार्थ को व्याख्या करते हुए सरिता (नदी) की भाँति निरंतर प्रवाहमान रहने की प्रेरणा दी। साध्वी कांतप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका का संगान किया। ‘आपकी समझ’ पर सास-बहू के सामंजस्य पर गंगाशहर महिला मंडल ने परिसंवाद द्वारा प्रस्तुति दी। शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी ने कहा कि परिवार में संगठन एवं सामंजस्य से रहें, तो परिवार सुखी एवं संपन्न हो सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य परिवार में विलुप्त होते संस्कार को दोबारा पल्लवित एवं संपोषित करना है। उनकी सबसे पहले सीख बड़ों को मान-सम्मान देना और छोटों को प्यार से सामंजस्यपूर्वक परिवार में जोड़े रखना। घर, स्वस्थ तो समाज स्वस्थ, समाज स्वस्थ तो देश अपने आप स्वस्थ रहेगा। सास-बहू और साजिश नामक विषय पर परिसंवाद हुआ। कन्या मंडल, गंगाशहर ने प्रस्तुति दी। राष्ट्रीय महामंत्री नीतू ओस्तवाल ने एक कहानी के माध्यम से मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी के बारे में समझाया। महिला मंडल, गंगाशहर ने आपकी अदालत विषय परिसंवाद में समझाया संयुक्त परिवार को बनाए रखने की सभी की जिम्मेदारी होती है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुमन नाहटा, विजयलक्ष्मी भूरा, कार्यसमिति सदस्य ममता रांका, नीरू पुगलिया, अलका बैद, प्रीति घोषल की उपस्थिति रही। सभी पधारे हुए सदस्यों का आभार गंगाशहर महिला मंडल की मंत्री मीनाक्षी आंचलिया ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका रेखा चोरड़िया, महिला मंडल की सदस्य ने संचालन किया। द्वितीय सत्र में महिला मंडल के इतिहास को वीडियो क्लिप के द्वारा दिखाया गया। इस अवसर पर तेममं बीकानेर, भीनासर, लूणकरणसर, उदासर, श्रीडूंगरगढ़, जोरावरपुरा, नोखा ने भी अपनी प्रस्तुति दी। कार्यशाला में लगभग 12 क्षेत्रों की लगभग 450 बहनों की सहभागिता रही। अभातेममं द्वारा मंडल की सभी उपस्थित शाखा मंडलों का प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मान किया गया।