प्रतिक्रमण को अपनाइए - मन दर्पण स्वच्छ बनाइए

संस्थाएं

प्रतिक्रमण को अपनाइए - मन दर्पण स्वच्छ बनाइए

भीलवाड़ा।
तेरापंथ भवन, भीलवाड़ा में डॉ0 साध्वी परमयशाजी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल के द्वारा ‘प्रतिक्रमण एक्सप्रेस’ रूपांतरण शिल्पशाला के कार्यक्रम का समायोजन हुआ। डॉ0 साध्वी परमयशाजी ने कहा कि प्रतिक्रमण हमारा कल्याणमित्र, व्यक्तित्व विकास एवं पॉवर प्वाइंट है। प्रतिक्रमण इहलोक और परलोक में साथ रहता है। स्वस्थ समाज निर्माण की आधारशिला प्रतिक्रमण है। केवल जैन ही नहीं संपूर्ण विश्व को ए वन का गिफ्ट प्रदान करता है प्रतिक्रमण।
आपने कहा कि प्रतिक्रमण कैसे करें? शुद्ध स्पष्ट लयबद्ध उच्चारण के साथ करें। कब करें? सूर्यास्त सूर्योदय से 48 मिनट पहले और बाद में करें। प्रतिक्रमण रोजाना करें, पक्खी को करें, चौमासी को करें, नहीं तो संवत्सरी पक्खी को तो अवरयमेव ही प्रतिक्रमण करना चाहिए नहीं तो सम्यक्त्व चला जाता है। 84 लाख जीवयोनी से रोजाना खमतखामणा करें। विनय करने वाला छोटा नहीं होता इसलिए खमतखामणा रोज करें। कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल के द्वारा मंगलाचरण का मंगल संगान हुआ। तेममं की अध्यक्षा मीना बाबेल ने प्रतिक्रमण के महत्त्व को समझाया।
कार्यक्रम में डॉ0 साध्वी परमयशाजी, साध्वी विनम्रयशाजी, साध्वी मुक्ताप्रभाजी और कुमुदप्रभाजी ने प्राकृत, संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी इन चार भाषाओं में मधुरिम स्वर लहरियों के साथ गीत का संगान करते हुए आह्वान किया कि प्रतिक्रमण की साधना से अपने गुलशन को महकाए। कार्यक्रम में तेममं द्वारा रूपांतरण शिल्पशाला प्रतिक्रमण एक्सप्रेस की एक शानदार और रोचक प्रस्तुति हुई, जिसमें 13 कोच थे और महिला मंडल ने श्रावक के बारह व्रतों की उपस्थित जनमेदिनी को जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन रेणु चोरड़िया ने किया। कार्यक्रम का आभार प्रेक्षा मेहता ने किया।