संतों के आगमन से बदल जाता है परिवेश
रायगढ़
शासनश्री साध्वी सुमनश्री जी अपनी सहवर्ती साध्वियों के साथ चातुर्मास प्रवास हेतु जसकरण सुराणा हवेली पहुँची। सादुलपुर सेठिया भवन में प्रवासित शासनश्री साध्वी मानकुमारी जी की दो साध्वियाँ साध्वीश्री की अगवानी एवं स्वागत करने पहुँची। महाराणा प्रताप चौक से जुलूस के साथ साध्वीश्री जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। महिला मंडल और कन्या मंडल की सदस्याओं ने भावभरे विचार रखते हुए स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
महामंत्र उच्चारण के साथ साध्वी सुमनश्री जी ने कहा कि आज हमारा मन अत्यंत प्रसन्न है क्योंकि परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी के निर्देशानुसार हम अपनी लक्षित मंजिल तक सानंद पहुँच गए हैं। हम इस सुराणा हवेली में चातुर्मास करेंगे जहाँ गणाधिपति गुरुदेवश्री तुलसी ने चातुर्मास किया था।
शासनश्री मानकंवर जी का वात्सल्य और आशीर्वाद पाकर हम भाव-विभोर हो गए। साध्वी कुशलप्रज्ञा जी, साध्वी कीर्तिरेखा जी हमें यहाँ तक पहुँचाने आई हैं। यह तेरापंथ धर्मसंघ की पुण्याई है। ऐसा धर्मसंघ और गुरु की छत्रछाया पाना बड़े सौभाग्य की बात है।
साध्वी सुरेखा जी ने कहासंत और बसंत जहाँ भी जाते हैं वहाँ धरती का पूरा परिवेश भी बदल जाता है। पावस में हम सब अध्यातम की फसल उगाएँ। साध्वी कुशलप्रभा जी, साध्वी कीर्तिरेखा जी ने विचारों की प्रस्तुति दी। साध्वी मधुरलता जी, साध्वी मननप्रभा जी ने सभी श्रद्धालुओं को प्रेरणा दी। राजगढ़ के सभा मंत्री हनुमान सुराणा, कमल सेठिया, नथमल हीरावत, दुलीचंद श्यामसुखा, पत्रकार श्याम मुशर्रफ, महिला मंडल अध्यक्ष किरण सेठिया, सरोज जैन, सायर सुमन देवी मुसर्रफ आदि ने अगवानी कर अभिनंदन किया।