आचार्य भिक्षु कालजयी महापुरुष थे

संस्थाएं

आचार्य भिक्षु कालजयी महापुरुष थे

चेन्‍नई
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ भवन, साहुकारपेट में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में आचार्य भिक्षु का जन्मोत्सव एवं बोधि दिवस मनाया गया। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि हर व्यक्‍ति के भीतर यह कामना रहती है कि मैं कालजयी बनूँ। मेरा नाम अमर बने, किंतु यह सनातन सत्य है कि व्यक्‍ति कभी कालजयी नहीं बन सकता। जिस व्यकित के भीतर परिस्थितियों और प्रतिकूलताओं को सहने की क्षमता है तथा धृतिबल अडिग है, वह कालजयी बन सकता है। कालजयी महापुरुषों की शृंखला में एक नाम हैआचार्य भिक्षु का। जिन्होंने विषम परिस्थितियों को समता से सहन किया।
साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु के गुणों को चुन-चुनकर अपने जीवन के मोतियों की माला बनाएँ। उनके गुणों को आत्मसात कर लिया तो हमारा जीवन शानदार बन जाएगा। साध्वी कर्णिकाश्री जी, साध्वी सुधाप्रभा जी, साध्वी मैत्रीप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी ने बोधि दिवस पर गीत प्रस्तुत किया।
तेरापंथ सभा मंत्री गजेंद्र खटेड़, तेयुप अध्यक्ष मुकेश नवलखा, महिला मंडल से कंचन भंडारी, राकेश खटेड़ ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। मंगल संगान दीपमाला भंडारी आदि बहनों ने सुमधुर स्वर लहरी के साथ किया। साध्वी समत्वयशा जी ने मंच संचालन करते हुए सृजन के महादेवता की अभिवंदना की।