चारित्रात्माओं का आध्यात्मिक मिलन

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चारित्रात्माओं का आध्यात्मिक मिलन

रोहिणी, दिल्ली
शासनश्री साध्वी रतनश्री जी रोहिणी में विराजित थीं। उनके दर्शनार्थ एवं गुरुदर्शन के लिए पधारने वाली बहुश्रुत साध्वी कनकश्री जी एवं शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी आपसे आशीर्वाद एवं मंगलकामना ग्रहण करने के लिए रोहिणी पधारी। तीनों ग्रुपों की साध्वियों का आध्यात्मिक मिलन को देखकर समग्र दिल्ली समाज भाव-विभोर हो रहा था। साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि आप लोगों ने देखा तेरापंथ धर्मसंघ में कितनी प्रेम, सौहार्द और वात्सल्य की धाराएँ प्रवाहित हैं। संघ का प्रत्येक सदस्य एक-दूसरे से मिलकर आनंदित एवं पुलकित हो जाते हैं। मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानती हूँ कि ये साध्वियाँ आँगन में पधारी हैं। साध्वी कनकश्री जी ने कहा कि आचार्यप्रवर ने महती कृपा करके हम लोगों को दर्शनार्थ आदेश दिया है। साध्वी शशिरेखा जी ने कहा कि हमारा तो सौभाग्य है ही पर हमारे से बढ़कर आपका सौभाग्य है कि आपको दर्शन देने के लिए गुरुदेव स्वयं आपके आँगन में पधारेंगे, घर बैठे गंगा आएगी। साध्वी सुव्रता जी आदि साध्वियों ने सामूहिक संगान के द्वारा साध्वियों का स्वागत किया। साध्वी मधुलता जी, साध्वी शीतलयशा जी, साध्वी कांतप्रभा जी आदि साध्वियों ने मधुर मिलन के प्रसंग पर सामूहिक गीत के द्वारा हर्षाभिव्यक्‍ति दी। तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष सुखराज सेठिया, दिल्ली तेरापंथी सभा के अध्यक्ष जोधराज बैद, तेरापंथी सभा, दिल्ली के महामंत्री डालमचंद बैद, रोहिणी सभाध्यक्ष मदनलाल जैन, रोहिणी सभा महामंत्री राजेश बैंगाणी, तेयुप उपाध्यक्ष संजीव जैन, ज्ञानशाला से रतनलाल जैन पुष्पा बैंगाणी, मुदित, प्रवीण सिंघी राजू राखेचा, सीमा जैन, दक्षिणी दिल्ली समाज आदि ने स्वागत वक्‍तव्य दिया। मंच का संचालन पराग जैन ने किया।