जो सोता है वह खोता है : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

जो सोता है वह खोता है : आचार्यश्री महाश्रमण

डाबी, 29 नवंबर, 2021
मानवता के मसीहा, अखंड परिव्राजक महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण जी भीलवाड़ा जिले की सीमा पार कर 18 किमी प्रलंब विहार कर बूँदी जिले के डाबी गाँव पधारे। जैन जगत के उज्ज्वल नक्षत्र आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अमृत देशना प्रदान करते हुए फरमाया कि हमारे जीवन में क्षेत्र का भी उपयोग होता है और समय भी अनिवार्य होता है। कोई भी कार्य करने के लिए स्थान चाहिए और समय भी चाहिए। समय एक ऐसी चीज है, जो फ्री में मिलता है। पर इस फ्री में मिलने वाले समय का हम उपयोग करें। उपयोग के तीन शब्द बन जाते हैंसद्-उपयोग, अनुपयोग और दुरुपयोग। समय का सदुपयोग करें। दुनिया में बढ़िया आदमी वह है, जो समय का सदुपयोग करता है। समय को फालतू न गवाएँ। बुद्धिमान लोगों का समय काव्य-शास्त्र आदि अच्छे कार्य में बीतता है। मूर्ख लोगों का समय प्रमाद में बीतता है। समय को फालतू जाया न करें। समय कीमती चीज है। Time is money
हमें समय के संबंध में कंजूस बनना चाहिए। समय को सोच-सोचकर लगाएँ। अच्छे धार्मिक-आध्यात्मिक कार्यों में हमारा समय लगे। पंडित आदमी समय का मूल्यांकन करे। जीवन में महत्त्वपूर्ण अवसर मिले, उसे आदमी न खोए। यह एक प्रसंग से समझाया कि जो प्रमाद में रहता है, उसे देवता भी सहायता नहीं कर सकते। जो सोता है, वो खोता है। अवसर का उपयोग करने वाला मालामाल होता है। जिसका जो कर्तव्य है, वह उसके प्रति जागरूक रहे। थोड़ी कठिनाई सहन कर भी साधु कर्तव्य का पालन करे। राजा के तीन कर्तव्य होते हैंसज्जनों की रक्षा करें, दुर्जनों को अनुशासित करें और अपनी प्रजा का भरण-पोषण हो। जो व्यक्‍ति सरकार या प्रशासन में है, वो प्रजा को राजी नहीं करे, सेवा नहीं करे, उसका जन्म निरर्थक है, जैसे बकरी के गले के स्तन। सेवा में नैतिकता का मूल्य सर्वश्रेष्ठ होता है। कर्तव्य का पालन नहीं करना। कर्तव्यच्युत हो जाता है। अधिकार प्राप्त हो गया और सेवा नहीं करें, तो उसके अधिकार में से अ को हटा देना चाहिए। आदमी समय का बढ़िया उपयोग करें।धार्मिकता भी जीवन में रहे। आध्यात्मिकता में भी समय लगाएँ और अच्छा जीवन जीने का प्रयास करें। कार्यक्रम में डाबी के संजय पोकरणा, दिगंबर समाज से फूलचंद जैन, श्‍वेतांबर संघ से प्रकाश नागौरी ने अपनी भावनाएँ रखीं। आज प्रात: विहार के अंतर्गत पूज्यप्रवर का स्थानकवासी साधु-साध्वियों से मिलना हुआ। मार्ग में पूज्यप्रवर गौशाला भी पधारे। राजस्थान सरकार के पूर्व वित्तमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आचार्यप्रवर के दर्शन का आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।