अहिंसा कार्यशाला

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अहिंसा कार्यशाला

तिरुपुर
अभातेममं द्वारा निर्देशित एवं तिरुपुर महिला मंडल द्वारा समायोजित आध्यात्मिक प्रवृत्तियों के अंतर्गत Life Style Without Cruelty कार्यशाला साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ भवन में आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि संयम की चेतना के द्वारा जीवन में अहिंसा का अवतरण हो सकता है। श्रावक जीवन वीतराग यात्रा का एक पड़ाव है, धर्म का प्रारंभिक बिंदु सम्यक् दर्शन है। आचार्य महाप्रज्ञ की भाषा में अहिंसा की परिभाषा हैकरुणा युक्‍त जीवन। साध्वी डॉ0 चैतन्य प्रभा जी ने कहा कि अपनी आवश्यकताओं के सीमाकरण के लिए मन का मालिक बनें। जागरण का दीप जलाएँ जो चेतना को प्रकाशित करता रहेगा। साध्वी डॉ0 शौर्यप्रभा जी ने गीत का संगान किया। महिला मंडल द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। आभार ज्ञापन सहमंत्री रंजना भंसाली ने किया।