नववर्ष पर कैलेंडर ही नहीं, बल्कि जीवन बदलें

संस्थाएं

नववर्ष पर कैलेंडर ही नहीं, बल्कि जीवन बदलें

चंडीगढ़
जनवरी, 2022 आशा और नई उम्मीदें लेकर आपके लिए आया है। साल 2021 अब बीत चुका है अब हमें उसकी परवाह करना छोड़ देना चाहिए। बीता हुआ वक्‍त कैसा भी रहा हो, चाहे वो अच्छा रहा हो अथवा बुरा रहा हो। हर हाल में उसे छोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। इस नए साल पर आप खुद से एक वादा कीजिए कि आप बीते हुए वक्‍त को भूल खुद के भविष्य में आने वाले समय के बारे में निर्णय लेंगे। भविष्य के बारे में विचार करेंगे। यह विचार मनीषी संत मुनि विनय कुमार जी ‘आलोक’ ने अणुव्रत भवन में नव वर्ष के अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहे। मुनिश्री ने मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम प्रारंभ किया। कार्यक्रम में वेद प्रकाश जैन, प्रदीप जैन, सुशील नाहर, रवि चोपड़ा, राकेश तनेजा, विजय शर्मा, विजय गोयल, शांता चोपड़ा, विनोद सेतिया आदि ने मनीषी संत को शुभकामनाएँ दी। मुनिश्री ने आगे कहा कि नया साल एक नई शुरुआत को दर्शाता है और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देता है। पुराने साल में हमने जो भी किया, सीखा, सफल या असफल हुए उससे सीख लेकर, नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि नया वर्ष, नई उम्मीदों, आशाओं व खुशियों की दस्तक दे चुका है। हम पुराने वर्ष की खट्टी-मीठी यादों को अतीत में ढकेल नए वर्ष का स्वागत करें।