नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान

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नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान

श्रीडूंगरगढ़। 'शासनश्री' साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में नवान्हिक अनुष्ठान सान्नद सम्पन्न हुआ। साध्वीश्री ने कहा नवरात्रि के दिन शक्ति जागरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमारे भीतर अनंत शक्ति है। जप, तप, मंत्रों के प्रयोग से चैतन्य का जागरण होता है, अध्यात्म चेतना जागृत होती है। आत्मा की चार शक्तियां है - ज्ञान, दर्शन, आनंद और वीर्य। शक्ति का स्रोत हमारी वाणी, मन और स्वास में है। इन नौ दिनों में हमने विधिवत तप-जप के साथ सामूहिक अनुष्ठान किया है। एकाग्रता, तन्मयता के साथ मंत्रों का प्रयोग किया है। हमारी प्राण शक्ति मजबूत बने, कार्य शक्ति विकसित हो, अत: लम्बे समय तक जप का प्रयोग करते रहें।