संस्कारक और उपासक बनना बड़ी बात
डोम्बिवली। उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमारजी के सान्निध्य में जैन संस्कारकों तथा उपासक-उपासिकाओं की कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुनिश्री ने कहा कि जैन संस्कारक और उपासक बनना बहुत बड़ी बात है। जब तक जैन संस्कारक और उपासक तैयार नहीं होंगे तो धर्म का प्रचार कैसे होगा। आचार्य श्री तुलसी ने जो प्रारंभ किया और श्रावक-श्राविकाओं ने जिस श्रद्धा भक्ति से स्वीकार किया, उसी का सुफल है कि आज इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। सैकड़ों संस्कारक, उपासक तैयार हो गए फिर भी अभी और आवश्यकता महसूस हो रही है। संस्कारकों और उपासकों को राष्ट्रीय संयोजक डालमचंद नौलखा ने प्रशिक्षण दिया। मुमुक्षु भीखमचंद नखत ने भी दर्शन किए। मुनिश्री ने उनकी अनेक विशेषताओं से पूरी परिषद को परिचय करवाया और उपासक नौलखा के सुश्रम की प्रशंसा की।