ज्ञानशाला द्वारा नवज्ञा कार्यशाला का आयोजन
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा मुंबई के तत्वावधान में मुम्बई ज्ञानशाला विभाग द्वारा महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल, कालबादेवी में 'नवज्ञा - नव विचार - नव दिशा' कार्यशाला आयोजित की गई। मुनि कुलदीप कुमार जी और मुनि मुकुल कुमार जी की उपस्थिति में इस कार्यशाला की रूपरेखा राजश्री कच्छारा, अंजु चौधरी, और चंचल परमार ने तैयार की। कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री ने नमस्कार महामंत्र से की, जिसके बाद परामर्शक मधु मेहता ने ध्यान के प्रयोग करवाए। पहले चरण में आशुभाषण प्रतियोगिता हुई, जिसमें 18 प्रतिभागियों ने भाग लिया। विजेताओं में रेखा धाकड़ (प्रथम), कविता बदामिया (द्वितीय), और कुसुम हिरण एवं मीना मेडतवाल (तृतीय) शामिल थे। सभी विजेताओं को सम्मानित किया गया। आशुभाषण प्रतियोगिता का संचालन निर्मला मेहता ने किया और निर्णायक की भूमिका मुंबई ज्ञानशाला की पूर्व आंचलिक संयोजिका निर्मला चण्डालिया एवं सुमन चपलोत ने निभाई।
दूसरे चरण में महाप्रज्ञ जॉन की प्रशिक्षिकाओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। मुनि कुलदीप कुमार जी ने ज्ञानशाला के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए नए ज्ञानार्थियों को जोड़ने की प्रेरणा दी। मुनि मुकुल कुमार जी ने नवज्ञा का अर्थ बताते हुए मिच्छामि दुक्कड़ं, खमत खामणा के अनेक रहस्यों को उद्घाटित किया। प्रत्याख्यान, प्रायश्चित, सारणा-वारणा, सूझता-असूझता आदि को समझाते हुए भक्तामर के श्लोक व लाभ की सभी को सूक्ष्म जानकारी प्रदान की। मुम्बई ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने मुनिश्री द्वारा प्रदत्त नवरात्रि मंत्रों के जाप का संकल्प लिया। परामर्शक हेमलता मादरेचा एवं नीलम कोठारी द्वारा तैयार संकल्प पत्र मुनिश्री को भेंट किया गया। आंचलिक संयोजिका राजश्री कच्छारा ने स्वागत स्वरों के साथ अपने भावों को अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम में मुंबई सभा के कई प्रमुख सदस्य और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। तेरापंथ सभा दक्षिण मुंबई के ज्ञानशाला परिवार की प्रशिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया, और विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यशाला का कुशल संचालन संगीता बाफना और नयना धाकड़ ने किया, जबकि आभार ज्ञापन वनिता धाकड़ ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कई अन्य सदस्यों ने भी सहयोग किया।