जिम्मेदारी, कर्तव्य और कौशल का करें सम्यक् उपयोग
बहुश्रुत परिषद् सदस्य मुनि उदितकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ समाज, अहमदाबाद ने विशेष कार्यशाला संप्रेरणा समारोह का आयोजन किया। ‘पूज्यवर का प्रवास - कैसे बनाएं खास’ विषय पर अपने उद्बोधन में मुनिश्री ने कहा- जहां-जहां परम पूज्य गुरुदेव का प्रवास, पावन पदार्पण होता है, वहां के लोगों के जीवन के लिए वह अमूल्य क्षण होता है। कहते हैं कि महान लोगों के पावन चरण जिस धरती पर पड़ जाए वह धरती देवभूमि कहलाती है। वैसे ही परम पूज्य गुरुदेव का चार माह से कुछ अधिक का यह अहमदाबाद चातुर्मास अहमदाबाद वासियों के लिए एक वरदान है। पूज्यवर जहां पधारते हैं वहां अलग ही रौनक होती है। पूज्य प्रवर का हर प्रवास ऐतिहासिक ही होता है। अहमदाबाद का यह प्रवास भी ऐतिहासिक ही होगा क्योंकि गुरुओं का अतिशय अमाप्य होता है। कार्यकर्ता प्रयास करें कि वे ज्यादा से ज्यादा समय सेवा में देकर, अपने दायित्व एवं अपनी जिम्मेदारी, कर्तव्य को समझ कर अपने कौशल का सम्यक उपयोग कर इस चातुर्मास की ऐतिहासिकता में स्वयं भी योगभूत बनें। तभी सही मायने में पूज्यवर के इस प्रवास को स्वयं के लिए भी खास बना पाएंगे। मुनिश्री ने कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह का संचार करते हुए माइक्रो मैनेजमेंट के कई सूत्र प्रदान किये। प्रवचन से पूर्व मुनिश्री ने हाजरी का वाचन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा मंगलाचरण से हुआ। मुनि ज्योतिर्मय कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा कांकरिया मणिनगर के अध्यक्ष चंपालाल गांधी ने मुनिश्री के स्वागत में अपनी भावना व्यक्त की। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा प्रस्तुति दी गई। सभा मंत्री सचिन सुराणा ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन नलिन दुगड ने किया।