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बुद्धि विकास अनुष्ठान का भव्य आयोजन
विद्यालय, कॉलेज, सीए, एमए आदि शिक्षा से जुड़े अध्ययनार्थियों के लिए तेरापंथ भवन सिटीलाइट में प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी द्वारा बुद्धि विकास अनुष्ठान करवाया गया। अनुष्ठान में संभागी विशाल परिषद को साध्वीश्री ने बीज मंत्रों के साथ मंत्र साधना करवाई एवं शिक्षा संवर्धन हेतु अनेक प्रयोग बताए। उन्होंने कहा ज्ञान का प्रकाश जीवन को आनंद, शक्ति और शांति का पथ दिखाता है। जैन परम्परा में अनेक जैनाचार्यों ने विद्या की उपासना में मंत्रों की साधना की है। छोटा सा बीज विशाल बरगद का हेतु बनता है- इसी तरह एकाक्षरी, द्वाक्षरी बीज मंत्रों सहित मंत्राराधना ज्ञान विकास में प्रबल सहायक बनती है। प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि भारतीय ऋषियों एवं द्रष्टा पुरूषों ने प्रज्ञा बल से जो ज्ञान खोजा उसे विज्ञान लेबोरेट्री में खोजन का प्रयास कर रहा है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा गुरू द्वारा प्रदत्त मंत्र ज्ञान विकास में प्रवर सहायक बनते हैं, शक्ति संवर्धन करते हैं।
ज्ञान विकास के लिए संकल्प और आत्म विश्वास का होना भी आवश्यक है। ज्ञानार्थियों को ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एकाग्रता और ग्रहण शक्ति बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों को प्रेरणा प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि हर अभिभावक अपने बच्चों को प्रोत्साहित करते रहें। सकारात्मक सोच के साथ उनका हौंसला बुलंद करें, हेलीकाप्टर की तरह मंडराये नही। उनमें साहस भरे उनकी क्षमताओं को प्रेरणा से विकसित करने का प्रयत्न करें। विधार्थी भी मोबाईल, टी.वी. आदि का यथासंभव कम प्रयोग करे। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी अतुलयशा जी, साध्वी राजुलप्रभा जी, साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने बुद्धि विकास अनुष्ठान मंगलकामना गीत का सामूहिक संगान किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने ध्यान का प्रयोग करवाया।