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शरद पूर्णिमा पर मंत्र अनुष्ठान
साध्वी संयमलता जी के सान्निध्य में शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेष मंत्रों के उच्चारण के साथ महाअनुष्ठान का आयोजन जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, विजय नगर द्वारा अर्हम भवन के प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर साध्वी श्री ने कहा शरद पूर्णिमा समृद्धि, वैभव, मानसिक शांति प्रदान करने वाला पर्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर धरती को अमृतमयी करने बरसता है। इस पर्व पर किए गए मंत्र अनुष्ठान से स्वास्थ्य लाभ, मानसिक शांति एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। साध्वी मार्दवश्री जी ने अनुष्ठान करवाने के साथ मुद्रा विज्ञान एवं स्वर विज्ञान की जानकारी देते हुए कहा कि जन्म पत्रिका में चंद्रमा ग्रह को तेजस्वी बनाने, स्थिरता प्रदान करने का श्रेष्ठ दिन है शरद पूर्णिमा। हम आज के दिन मंत्र अनुष्ठान, ध्यान, भजन, साधना के द्वारा अपनी सारी मनोकामनाओं को पूरा करने का प्रयास करें। कार्यक्रम का शुभारंभ मनीष पगारिया द्वारा मंगलाचरण के सुमधुर संगान के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन सभा उपाध्यक्ष भंवर लाल मांडोत एवं आभार ज्ञापन पन्नालाल लुनिया ने किया। कार्यक्रम के सुंदर आयोजन में चिन्मय कोठारी का तकनीकी सहयोग एवं प्रकाश कोचर का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।