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ज्ञान का दीप जीवन पथ को करता रहे प्रकाशित
तेरापंथ सभा भवन में प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में ज्ञान दीप ज्योति विषयक प्रबुद्ध जन सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में जैन स्कोलर, जीवन विज्ञान, एमए जैन दर्शन, तत्व विज्ञ, तत्वज्ञान, तेरापंथ दर्शन प्रचेता, जैन विद्या आदि करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा आज एक विशेष कार्यक्रम है। ज्ञान की ज्योति जीवन पथ को रोशन करती है विवेक चेतना को उद्घाटित करती है। ज्ञान समंदर में अवगाहन करने वाला अमूल्य मोती के रूप में जिन्दगी को सरस बनाने वाले सूत्रों को प्राप्त कर लेता है।
उन्होंने कहा कि हमारे धर्मसंघ के श्रावक-श्राविकाओं ने अपनी योग्यता, रूचि से अलग-अलग विषय क्षेत्र में प्रवेश कर पुरूषार्थ से ज्ञान अर्जन किया। यह क्रम निरन्तर चल रहा है, यह शुभ भविष्य का सूचक है। श्रावक समाज अपनी प्रबुद्धता का आत्म कल्याण, परकल्याण में उपयोग भी कर रहे हैं। इसका हमें गौरव भी है। ज्ञान के प्रति श्रद्धाभाव और निरन्तरता बनी रहे। आवश्यकता इस बात की है कि ज्ञान जीवन व्यवहार में उतरे। महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष प्रतिभा बोथरा ने स्वागत संभाषण किया। साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने कहा ज्ञान चेतना का विकास आनन्द शांति और शक्ति का संप्रेषण करता है। साध्वी वृंद ने सामूहिक संगान किया।
जैन स्कोलर कनक बरमेचा ने कहा साध्वी प्रोफेसर डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने सूरत में इस नूतन कार्यक्रम की शुभ शुरूआत कर प्रबुद्धता को प्रोत्साहित किया है। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल से मधु देरासरिया ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की संयोजिका अल्का सांखला, राजू दुगड़, महिला मंडल की निवर्तमान अध्यक्षा चन्दा भोगर एवं कनक बरड़िया की सक्रियता सराहनीय रही।
ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका मनीषा सेठिया, भावना सोलंकी ने श्रुत के दम पर खजाने के रूप में 10 भव बनाए। जिसमें संयम ग्रुप ने प्रथम, लाघव ग्रुप ने द्वितीय और मुक्ति ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अल्का सांखला ने संयोजन और महिला मंडल मंत्री बिन्दु भंसाली ने आभार ज्ञापन किया।