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अणुव्रत उद्वोधन सप्ताह का आयोजन
साध्वी कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में अणुव्रत उद्वोधन सप्ताह उल्लासमय वातावरण में मनाया गया। अनुशासन दिवस के अवसर पर साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा जीवन शैली सुन्दर बने, यह जरूरी है। बिना अनुशासन के जीवन की राहों को सुन्दरतम नहीं बनाया जा सकता। प्रकृति का कण-कण अनुशासित है, कहीं भी उल्लंघन होता है तो हाहाकार मच जाता है। जरूरी है अनुशासन से सजी जीवन बगिया सभी को सौरभ बांटती रहे। साध्वी सौभाग्ययशा जी ने कहा अनुशासन हमारा अस्तित्व है इसके बिना अंधेरा है, जीवन नीरस बन जाता है। साध्वी कल्याण यशा जी ने कहा ‘निज पर शासन, फिर अनुशासन’ गुरूदेव तुलसी का यह नारा प्राणी मात्र को अनुशासन में रहने की प्रेरणा देता है क्योंकि स्वयं अनुशासित हुए बिना दूसरों को अनुशासन में रहने की प्रेरणा निरर्थक बन कर रह जाती है।
मुख्य अतिथि राजीव झा (लाइफ मून अकादमी के संचालक) ने कहा अनुशासन प्रकृति की एक विशेष देन है, जिसके चलते दुनिया का हर प्राणी, पेड़-पौधे, मौसम आदि अनुशासित देखे जा सकते हैं। जब-जब नियम टूटते हैं, बड़ी दुर्घटनाओं को अंजाम मिलता है। अर्थात अनुशासनहीनता से चारों तरफ हाहाकार मच जाता है। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के द्वारा अनुशासन में रहने का पाठ सिखाया।
आचार्य तुलसी स्कूल के प्रिंसिपल अशोक कुमार ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि 4000 बच्चों का यह सरकारी स्कूल आचार्य तुलसी के नाम से विख्यात है। यहॉं के बच्चों को अणुव्रत के नियमों एवं जीवन विज्ञान के प्रयोग करवाए जाते हैं, तभी यहां के बच्चों में अनुशासन प्रियता देखी जा सकती है। अणुव्रत गीत का संगान तेरापंथ सभा के स्टाफ विश्वास सिद्धार्थ, श्याम, महेन्द्र, रश्मि आदि ने किया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के संयोजक संजय भाई अणुव्रती ने सभी का आभार व्यक्त किया। विमल गुनेचा ने विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि अणुव्रत अन्त: हृदय को प्रकाशित कर सत्य का मार्ग प्रशस्त करता है। राज गुनेचा ने अपने विचारों द्वारा अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डाला।