ज्ञानशाला विकास में प्रशिक्षिकाओं की होती है अहम भूमिका

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सूरत।

ज्ञानशाला विकास में प्रशिक्षिकाओं की होती है अहम भूमिका

तेरापंथ भवन में आयोजित ज्ञानशाला प्रशिक्षण वर्कशाप में संभागी सैंकड़ों प्रशिक्षिकाओं को सम्बोध प्रदान करते हुए प्रो. साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने कहा तेरापंथ संघ की नई पौध ज्ञानशाला के विकास में प्रशिक्षिकाओं की अहम भूमिका है। उनका श्रम समय और निःस्वार्थ भाव ज्ञानार्थियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। यहां का व्यवस्था पक्ष भी सशक्त है। साध्वीश्री ने कहा सूरत की ज्ञानशाला का संचालन प्रेरक है। यहां की ज्ञानशाला ने विशिष्ट ज्ञानशाला का खिताब जीता, इसमें प्रशिक्षिकाओं का श्रम मुखर हो रहा है। नियमित व्यवस्थित चलने वाली ज्ञानशाला में तेरापंथ सभा ट्रस्ट आदि की उदारता, जागरूकता सराहनीय है।
प्रशिक्षण स्वरूप साध्वीश्री ने प्रशिक्षिकाओं को अनेक सूत्र प्रदान करते हुए कहा कि प्रशिक्षिकाएं भी अपने अध्ययन को गहराने का प्रयास करें। उनका ज्ञान जितना बहुमुखी होगा, ज्ञानार्थियों के लिए श्रेयस्कर है। बच्चों को पाठ्यक्रम से अतिरिक्त अध्ययन भी करवाया जाए। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर एवं सहमंत्री महेन्द्र गांधी मेहता ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी एवं प्रशिक्षिकाओं के प्रति प्रमोद भाव प्रस्तुत किए। सूरत ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका मनीषा सेठिया ने कहा साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने इस बार ज्ञानशाला को नए-नए कार्यक्रम प्रदान किए। उनका मोटिवेशन पॉवर बेजोड़ है। साध्वीवृन्द ने सामूहिक संगान किया। प्रशिक्षिका भावना सोलंकी ने ज्ञान संवर्धक एक्टिविटी करवाकर वातावरण को सरस बनाया। इस अवसर पर समस्त प्रशिक्षिकाओं का तेरापंथ सभा द्वारा सम्मान किया गया। ज्ञानशाला संयोजक जतिन तलेतरा ने आभार जताया।