मुमुक्षु मंगलभावना समारोह
सिकंदराबाद
शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, के तत्त्वावधान में मुमुक्षु विनु संकलेचा का मंगलभावना समारोह मनाया गया। शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि अध्यात्म का प्रथम प्रवेश द्वार है दीक्षा। अपनी प्रवृत्तियों को सीमित कर निवृत्ति का मार्ग है दीक्षा। लुभावने संसार से चित्त को हटाकर अपने भीतर की तैयारी है दीक्षा। दीक्षा संसार का महान तीर्थ
है। विनु संकलेचा ने गृहस्थ जीवन में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शिक्षा प्राप्त की, जैन विद्या, तत्त्वज्ञान आदि में विशेष योग्यता प्राप्त कर परिवार और समाज में नया कीर्तिमान स्थापित किया। कन्या मंडल और ज्ञानशाला में भी विनु संकलेचा ने अच्छी सेवाएँ दी। अब वो तेरापंथ धर्मसंघ में दीक्षित होने से पूर्व पारमार्थिक शिक्षण संस्था में प्रविष्ट होने जा रही हैं। साध्वी धवलप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु संकलेचा परिवार से थे। विनु भी संकलेचा परिवार से हैं। संयम मार्ग में आने वाले कष्टों को समभाव से सहन करने की शक्ति तुम्हें प्राप्त हो। तेरापंथ धर्मसंघ में विकास के नित नए द्वार खोलती रहो। विनु के शुभकामनाओं में अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।