जैन स्कॉलर कार्यशाला
लाडनूं
अभातेममं के निर्देशन में आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना के अंतर्गत जैन स्कॉलर कार्यशाला के तृतीय बैच के चतुर्थ
सत्र का समापन हुआ। जैन स्कॉलर निर्देशिका डॉ0 मंजु नाहटा (कोलकाता) एवं सह-निर्देशिका कनक बरमेचा (सूरत) तथा
चार प्रशिक्षिकाओं के निर्देशन में यह कार्यशाला रोहिणी-लाडनूं में संपन्न हुई। जैन स्कॉलर्स के माध्यम से जैन विद्वान तैयार
किए जाते हैं। इसके अंतर्गतदेव-भाषा संस्कृत पढ़ाई जाती है। आगम-भाषा प्राकृत का ज्ञान कराया जाता है। जैन-विद्वान
तैयार करने की दृष्टि से दर्शन का गहन अध्ययन कराया जाता है। कर्म ग्रंथ का सूक्ष्म दृष्टि से गहरा अध्ययन कराया
जाता है। सभी प्रशिक्षकों द्वारा जैन दर्शन का गहराई से प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में कुल 27 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इसमें 25 विद्यार्थियों ने लाडनूं में एवं दो विद्यार्थियों ने क्रमश: बैंकॉक व दुबई से जूम के माध्यम से परीक्षा दी। मुनि अमृत कुमार जी स्वामी के मंगलपाठ से परीक्षा का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला की सफलता में संयोजिका विजय लक्ष्मी भूरा का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला मदन-प्रकाश देवी, महेंद्र कांता देवी तातेड़ (धानीन) मुंबई के सौजन्य से संपादित की जाती है।