रंग उल्लास का : दो दिवसीय शिविर
विजयनगर, बैंगलुरु
तेममं के तत्त्वावधान में साध्वी प्रमिला कुमारी जी के सान्निध्य में स्थानीय कन्या मंडल के लिए दो दिवसीय शिविर का आयोजन हुआ। साध्वी प्रमिला कुमारी जी ने कहा कि जीवन में यदि उल्लास हो, उत्साह हो, उमंग हो, उम्मीद हो, आशा हो, विश्वास हो, तो व्यक्ति निश्चित ही सफलता का वरण कर सकता है। कन्याओं को भी अपने जीवन में श्री, ह्रीं धी, धृत्ति शक्ति और शांति संपन्न बनना है, जिससे वह जीवन के प्रत्येक पल में आंतरिक आनंद व उल्लास का अनुभव कर सके। स्वयं से स्वयं की पहचान सेशन के अंतर्गत प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका रेखा पितलिया एवं अभिलाषा डांगी ने प्रेक्षाध्यान एवं आत्मविश्वास को जागृत करने के टिप्स बताए। साध्वी विज्ञप्रभा जी ने प्रसन्नता के संदर्भ में कन्याओं को विस्तार से समझाते हुए जीवन में प्रत्येक पल को मुस्कुराकर व्यतीत करने की प्रेरणा दी। रंगों की दुनिया में रंगों का कितना महत्त्व है और कैसे रंगों के सम्यक् प्रयोग से शारीरिक और मानसिक चिकित्सा की जा सकती है, इसका प्रशिक्षण दिया कलर थैरेपिस्ट पूनम दुगड़ ने। जैन भूगोल से परिचय करवाने के लिए साध्वी आस्थाश्री जी ने कन्याओं के साथ लोक की चर्चा की। क्तपअम ींमंक ेजंजपवद के अंतर्गत मयूख वैद्य कन्याओं को कई ऐसे ऑप्शन से अवगत कराया, जिसको अपना कैरियर बनाकर कन्याएँ अपने जीवन में प्रोफेशनली सक्सेसफुल बन सकती हैं। कलात्मक विकास के लिए ॠजुता डोसी ने कन्याओं को नाईफ पेंटिंग की कला सिखाई। इस सबके साथ-साथ कन्याओं ने ज्ञानात्मक और कलात्मक विकास के लिए treasure hunt game, 25 बोल पर आधारित क्विज प्रतियोगिता, मास्क डेकोरेशन प्रतियोगिता, वर्तमान युग में धर्म की उपयोगिता, विषय पर ग्रुप डिस्कशन आदि अनेक एक्टिविटी भी करवाई गई। साध्वी प्रमिला कुमारी जी ने लौकिक दान, लोकोत्तर दान, भाव पूजा, द्रव्य पूजा, आदि विषयों पर जानकारी देते हुए कन्याओं के सैद्धांतिक ज्ञान को पुष्ट किया। शिविर के अंत में सभी कन्याओं से फीडबैक लिया गया और विभिन्न प्रतियोगिताओं की विजेता कन्याओं को महिला मंडल द्वारा पुरस्कृत किया गया।