पौध को सींचे कार्यशाला का आयोजन

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पौध को सींचे कार्यशाला का आयोजन

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित पौध को सींचे कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल गंगाशहर द्वारा शांतिनिकेतन में साध्वी चरितार्थप्रभा जी एवं साध्वी प्रांजल प्रभाजी के सान्निध्य में किया गया। साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि बच्चों से दिल की बात करें, प्यार करें। उन पर अनुशासन थोपे नहीं, स्वयं अनुशासन में रहें, उनसे संवाद करें और इस प्रश्न का उत्तर खोजें कि बच्चा आपका है या मोबाइल का। कार्यक्रम का शुभारंभ मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत के साथ किया गया। मंडल उपाध्यक्ष प्रेम बोथरा ने सभी का स्वागत किया।
अंकिता सेठिया व तमन्ना भूरा ने नाटिका के माध्यम से बताया कि बच्चे तनाव में आकर कैसे गलत कदम उठा लेते हैं। साध्वी वैभवयशा जी ने कहा कि बच्चों की पहली प्रशिक्षिका उनकी मां होती है, उन्हें संस्कार गर्भ से ही दिए जाने चाहिए। मुख्य वक्ता राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य रतन छल्लानी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि माता-पिता को बच्चों से संवाद करना चाहिए। दादा-दादी, नाना-नानी उनके साथ समय बिताएं व कहानियों के माध्यम से उनमें संस्कारों का बीजारोपण करें। अपने बच्चों को बेस्ट बनाएं बॉस नहीं। मंडल अध्यक्ष संजू लालानी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अंकिता सेठिया ने किया।