सूरज-सूरज का करता है अभिनंदन

सूरज-सूरज का करता है अभिनंदन

सूरज-सूरज का करता है अभिनंदन।
बुलबुल गाती गीत खुशी के, मुस्काता सारा मधुवन।।
चंदा मामा की किरणों ने, मांडी अद्‌भुत रंगोली,
सागर की लहरों ने सबकी, भर दी मोती से झोली।
युगों-युगों तक जय हो जय नेमानंदन।।
संध्या ने सिंदूर बिछाया, कण-कण दीप जला घी का,
जन्मभूमि में दीक्षा लेकर, अपना नव इतिहास लिखा।
नाचे धरती-अम्बर नाचे मलय पवन।।
स्वर्गिक सुख हे आर्यप्रवर! हम तुम चरणों में पाएंगे,
तेरी हर सांसों को छू, हम तो निहाल हो जाएंगे।
'सरस्वती' लाखों-लाखों के तुम भगवान।।
युगनायक ज्योतिर्मय प्रभु को युग-युग सदा निहारें हम,
ज्योतिचरण के श्री चरणों में, अपना भाग्य संवारें हम।
दीक्षा कल्याणक दिन पर शत-शत वंदन।।
लय - खड़ी नीम के