महावीर का हर क्षण अप्रमाद की साधना के लिए था समर्पित
हिम्मत नगर। जिनका जन्म समग्र जीवों के सुख का हेतु बन गया, जिनका समग्र जीवन प्राणी मात्र के कल्याण के लिए था, जिनका हर क्षण अप्रमाद की साधना के लिए समर्पित था। एक ऐसा महापुरूष जो सदियां बीतने के बाद भी सदा नवीनता लिए है। जिसने 'एका मानव जाति' का नारा दिया ऐसे महापुरूष का नाम है भगवान महावीर। हिम्मत नगर गुजरात में मंदिर मार्गी व तेरापंथी संतों के संयुक्त तत्वावधान में महावीर जयंती का कार्यक्रम आयोजन किया गया। मुनि आकाश कुमारजी ने भगवान महावीर की वीरता के अनेक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उनकी क्षमाशीलता तथा सहिष्णुता के बारे में बताया व भगवान महावीर बनने की दिशा में आगे बढ़ने कि प्रेरणा दी। मुनि विनीत कुमारजी ने भगवान महावीर की महानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिन शासन के सभी वर्गों में परस्पर सद्भाव बना रहे। आचार्य पन्यास ह्रींकारसुंदरविजय जी ने श्रीपाल-मैना सुंदरी के जीवन के माध्यम से आयंबिल की महत्ता बताई व महावीर जन्म कल्याणक पर मंगल कामना व्यक्त की।