आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के 15 वें महाप्रयाण दिवस पर िवभिन्न आयोजन

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आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के 15 वें महाप्रयाण दिवस पर िवभिन्न आयोजन

तेरापंथ भवन, मॉडल टाउन, हिसार में प्रज्ञापुरूष आचार्यश्री महाप्रज्ञजी का 15वां महाप्रयाण दिवस 'शासनश्री' साध्वी यशोधराजी व 'शासनश्री' साध्वी प्रशमरति जी के सान्निध्य में मनाया गया। कार्यक्रम में उपसेवा केंद्र व्यवस्थापिका 'शासनश्री' साध्वी सरोजकुमारी जी की सहवर्ती साध्वी प्रभावनाश्री जी व साध्वी चिरागप्रभा जी भी पधारे। कार्यक्रम का शुभारंभ 'शासनश्री' साध्वी यशोधरा जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुआ। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण द्वारा अपने भाव प्रकट किए। साध्वी वृन्द ने गीतिका द्वारा अपने भाव व्यक्त किये। साध्वी प्रभावनाश्री जी, साध्वी कारुण्यप्रभा जी, साध्वी सुश्रुतप्रभा जी, साध्वी चिरागप्रभा जी ने अपने उद्गार व्यक्त किये। साध्वी ऋजुयशाजी, साध्वी शान्तिप्रभाजी ने मधुर स्वर लहरों के साथ अपनी श्रद्धांजलि दी। 'शासनश्री' साध्वी यशोधरा जी ने अपने उद्बोधन में कहा आचार्यश्री महाप्रज्ञजी ने बचपन में दो संकल्प स्वीकार किये। पहला कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूँगा जिससे मेरे शिक्षा गुरु नाराज हों। दूसरा मैं किसी का अनिष्ट चिन्तन नहीं करूंगा। ये संकल्प हमारे जीवन में भी आने चाहिए। साध्वी श्री ने आगे कहा - आचार्यश्री महाप्रज्ञजी की सन्निधि में 15 अक्टूबर 2003 को तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने अपना जन्मदिन सूरत में मनाया और बिना प्रोटोकाॅल के ही जब कई बार आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के दर्शन करने आए तो पत्रकारों ने पूछा- यहां आपको क्या मिलता है? उन्होंने कहा ‘पीस ऑफ माइंड’। इसलिए इनके पास बार बार आता हूं। तेरापंथी सभा के मंत्री गौरव जैन ने इस अवसर पर अपनी भावांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम का संचालन साध्वी नीतिप्रभा जी ने किया।