हमें महासंत मिला है
गौरवशाली शासन पाया, महाश्रमण सरताज,
कहीं विश्व में नजर न आया ऐसा सुंदर राज,
हमें महासंत मिला है, हमें महापंथ मिला है,
हमें महासंत मिला है, हमारा भाग्य खिला है।।
गुरु गणपाल है, महाश्रमण रिछपाल है,
सन्निधि तेरी पा सब खुशहाल है।
महिमा गाएं मुक्ति पाएं, तुम पर सबको नाज।।
इक गुरु शासना में, सारा संघ चलता,
गुरुवर की दृष्टि पा फूलता फलता।
कितना गाएं क्या बतलाएं, खुशिया बेअंदाज।।
चिंता से मुक्त भक्त, चिंता महासंत को,
निश्चिंत हम सारे पाकर निर्ग्रंथ को।
सेवा करता मेवा पाता, यही है सुख का राज।।
स्वर्ग से सुंदर यह, भिक्षु का शासन है,
भैक्षव शासन सही में नंदन वन है।
तूं ही सहारा, तारणहारा, तारण तरण जहाज।।
जय विजय पाओ ओ शासन माली,
सदा शिखर चढ़ो तपो कोड़ दिवाली।
रहो निरामय बनो चिरायु है दिल की आवाज।।
प्रभुवर का नाम रोशन-रोशन शासन,
प्रभु का काम रोशन और पैगाम रोशन।
नाम प्रभु का जपते-जपते सिद्ध मनोरथ काज।।
लय - स्वर्ग से सुंदर