बच्चों के संस्कार िनर्माण में मां की भूिमका है अहम

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बच्चों के संस्कार िनर्माण में मां की भूिमका है अहम

तेरापंथ महिला मंडल बालोतरा द्वारा साध्वी रतिप्रभा जी के सान्निध्य में पौध को सींचे कार्यशाला का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत के पश्चात महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। साध्वी मनोज्ञयशा जी ने कार्यशाला का प्रारंभ महाप्राण ध्वनि से करवाया और कहा कि प्रेक्षाध्यान के द्वारा हम अपने दिमाग को स्थिर रख सकते हैं और अपनी जागरूकता बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर साध्वी रतिप्रभा जी ने विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि बच्चों के संस्कार निर्माण में अहम भूमिका मां की होती है। मां के गर्भ में जब बच्चा आता है तभी से उसे अच्छे संस्कार देने चाहिए और अपनी सोच को पॉजिटिव रखना चाहिए। मां को अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए। कार्यशाला की मुख्य वक्ता बाल विशेषज्ञ वनीता श्रीमाल ने कहा कि बच्चों पर अधिक दबाव नहीं देना चाहिए। हर बच्चे का पढ़ने का अपना मन होता है, अपनी क्षमता होती है, इसलिए दूसरे बच्चों से तुलना करना ठीक नहीं है। मंडल द्वारा मुख्य वक्ता वनीता श्रीमाल को सम्मानित किया गया। महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला देवी संकलेचा ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री रेखा बालड़ ने किया और आभार ज्ञापन प्रचार-प्रसार मंत्री समता भंसाली ने किया।