श्री चरणों में अर्पण
मुनि कमल कुमार
माँ नेमां ने ऐसा समर्पित किया श्रीचरणों में अपना लाल
जिनका देदीप्यमान चहरा और आकर्षक चमक रहा है भाल
जिनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व से प्रसन्न हुए श्री तुलसी पाल
मुदित से महाश्रमण बनाकर बना गये धर्मसंघ की ढ़ाल।
जब गुरुदेव तुलसी अकस्मात कर गये गंगाशहर में काल
तब आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने उत्तराधिकारी घोषित कर दिया तत्काल
जिनके कुशल नेतृत्व में केवल संघ ही नहीं सब हो रहे हैं निहाल
जिनके उदात्त चिंतन धर्मसंघ को बना दिया गगन ज्यों विशाल॥
एक साथ पूर्वांचल दक्षिणांचल का स्पर्श कर दिया सबको मालामाल
जिनकी अमृतमय वाणी मानो समयानुकूल और है मधुररसाल
जिसको श्रद्धामय आसेवन करने वाला काट देता है जग जंजाल
ऐसे शांतिदूत महातपस्वी आचार्य को पाकर सब तरह से हैं खुशहाल
युगप्रधान आचार्य के दर्शकर समुद्र में ज्वार की तरह हर्ष तरंगें रही हैं उछाल॥