50वें चयन दिवस पर कार्यक्रम
हिरियूर
हिरियूर तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में साध्वी प्रमिलाकुमारी जी के सान्निध्य में संघ महानिदेशिका महाश्रमणी असाधारण साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी के 50वें चयन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। साध्वीश्री द्वारा मंत्रोच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। चिरायु चौपड़ा ने मंगलाचरण किया। साध्वी प्रमिलाकुमारी जी ने कहा कि आज तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास में पहली बार साध्वीप्रमुखाश्री का अमृत महोत्सव आचार्यश्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में मनाया जा रहा है। साध्वीश्री जी ने बताया कि साध्वीप्रमुखा पद प्राप्त करने के बाद जो पहली दीक्षा हुई उन 5 मुमुक्षु बहनों में एक वे भी थे और इसलिए उन्हें दीक्षा के पश्चात एक वर्ष तक संघ महानिदेशिका के निकट सन्निधि में रहने का सुअवसर प्राप्त हुआ। अपने कुछ संस्मरणों से उन्होंने साध्वीप्रमुखाश्रीजी के वात्सल्यमयी नेतृत्व का चित्रण किया। महाश्रमणी साध्वीप्रमुखाश्रजी की विनम्रता, अखंड समर्पण भाव एवं लेखन वैशिष्ट्य का बखान करते हुए उन्होंने नौ मंगलभावना में साध्वीप्रमुखाश्री जी के व्यक्तित्व को घटित किया। इस अवसर पर उत्तर कर्नाटक प्रांत के अध्यक्ष जयंतिलाल चौपड़ा, देवराज चौपड़ा, मांगीलाल तातेड़, कन्या मंडल की संयोजिका रूपाली ढेलड़िया, युवक परिषद सदस्य विकास बोकड़िया, सुमित्रा चौपड़ा, किशोर मंडल सदस्य मंथन तातेड़ और उपासिका बहन सीमा चौपड़ा ने साध्वीप्रमुखाश्री जी के अभिनंदन के अपने-अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल, हिरियूर ने भी अपने सुमधुर गीत से साध्वीप्रमुखाश्रीजी का अभिनंदन किया। साध्वी आस्थाश्री जी एवं साध्वी विज्ञप्रभा जी ने भी गीतिका एवं साध्वीप्रमुखाश्रीजी के जीवन की संक्षिप्त झाँकी के माध्यम से मंच का संचालन किया। कार्यक्रम का समापन साध्वीश्री जी के मंगलपाठ से हुआ।