
संस्थाएं
आध्यात्मिक एवं ज्ञानवर्धक प्रवास में खिले विभिन्न रंग
समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी व डॉ. समणी मानसप्रज्ञा जी ने बलांगीर उपकेंद्र में प्रवेश किया। भाई-बहनों ने गीतों के माध्यम से समणी जी का स्वागत किया। पश्चिमी उड़ीसा स्तरीय स्वागत समारोह में टिटिलागढ़, केसिंगा, कांटाबांजी, सिधिकेला, तुसरा, कुरसुड आदि अनेक क्षेत्रों के भाई-बहन उपस्थित थे। उड़ीसा प्रांतीय अध्यक्ष मनोज जैन, मंत्री सुदर्शन जैन, साहित्यकार तुलसी जैन, मुकेश जैन, जय भगवान, रामनिवास जैन, जगदीश प्रसाद, विकास जैन, अजय जैन आदि ने समणी जी का स्वागत करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में अधिकाधिक प्रवास करने की प्रार्थना की।रात्रि में भिक्षु धम्म जागरण का कार्यक्रम चला। समणी निर्देशिका ज्योतिप्रज्ञा जी ने शक्ति संपन्न बनने की प्रेरणा देते हुए कहा – तप व जप आत्मा की सुप्त शक्तियों को जागृत करते हैं। आगामी 8 जुलाई को आचार्य भिक्षु का 300वां जन्म दिवस है। इस उपलक्ष्य में पश्चिमी उड़ीसा वासियों को 'भिक्खू स्याम' इस नवाक्षरी मंत्र के ग्यारह कोटि जप की श्रद्धा अर्पित करनी है। इसके साथ ही तप की दृष्टि से 2025 की होली से आगामी होली तक एक वर्ष तक एकासन की बारी चलानी है।
फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी - शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी की वार्षिक पुण्यतिथि पर भाई-बहनों ने भजनों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। समणी मानसप्रज्ञा जी ने शासनमाता के प्रति विचार व्यक्त करते हुए कहा – वे कुशल लेखिका, प्रखर वक्ता, गीतकार, प्रवचनकार तथा प्रबंधन जैसी अनेक विशेषताओं से संपन्न थीं। चातुर्मास पक्खी के दिन प्रतिक्रमण कर भाई-बहनों ने क्षमायाचना की। समणी जी ने होली का इतिहास बताते हुए पवित्र बनने की प्रेरणा दी। रात्रिकालीन कार्यक्रम के अंतर्गत कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें कवि रोहित तथा कवि मनोज विशेष रूप से उपस्थित थे। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें ज्ञानशाला की प्रस्तुति आकर्षक रही।
कटक से समुपस्थित गायिका व प्रखर वक्ता निहारिका सिंघी ने 'माता-पिता का बच्चों के प्रति दायित्व एवं बच्चों का माता-पिता के प्रति दायित्व' विषय पर अपने सुंदर विचार रखे। पुष्पा सिंघी ने कविता पाठ किया। रात्रिकालीन कार्यक्रम के दौरान कभी अंताक्षरी, कभी प्रश्नोत्तरी जैसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किए गए। 'दस का दम' प्रतियोगिता से सभी की एकाग्रता व मानसिक क्षमता की परीक्षा हुई। इस प्रतियोगिता में लगभग 21 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें आठ प्रतिभागियों ने प्रथम तथा दो ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।