अवबोध
धर्म बोध
दान धर्म
प्रश्न 8 : लोकोत्तर दान के कितने प्रकार हैं?
उत्तर : लोकोत्तर दान के तीन प्रकार हैं
(1) ज्ञान दान तत्त्व ज्ञान कराना व शुद्ध मार्ग पर व्यक्ति को प्रस्थापित करना।
(2) संयति दान सुपात्र को प्रासुक-निर्जीव द्रव्य देना।
(3) अभय दान षट्कायिक जीवों की हिंसा का परित्याग कराना।
प्रश्न 9 : गोदान, भूमिदान आदि लौकिक हैं या लोकोत्तर?
उत्तर : गोदान, भूमिदान आदि लौकिक हैं।
प्रश्न 10 : सुपात्र से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : जीवों की दो कोटियाँ हैं(1) मुनि, (2) गृहस्थ। गृहस्थ असंयमी व संयमासंयमी (श्रावक) दोनों होते हैं। मुनि संयमी होते हैं, वे ही सुपात्र कहलाते हैं।
प्रश्न 11 : सुपात्र की कसौटी क्या है?
उत्तर : जो पाँच महाव्रतों का निरतिचार पालन करते हैं, वे सुपात्र हैं। उनके अतिरिक्त सभी भिक्षा देने की दृष्टि से अपात्र हैं।