पारिवारिक सौहार्द शिविर का आयोजन
बालेश्वर उड़ीसा।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में राजस्थानी भवन में पारिवारिक सौहार्द शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें जैन-अजैन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। ‘कैसे रहे घर परिवार सुखी’ विषय पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के साथ जीता है। समाज की सबसे छोटी व महत्त्वपूर्ण इकाई है-परिवार। परिवार एक सर्वव्यापी संस्था है। परिवार एक गुलदस्ता है। परिवार समूह चेतना का प्रतीक है। परिवार सत्यं शिवं, सुंदरं का शिवालय है। जिस परिवार में एकता, सामंजस्य, समझौता, व्यवस्था, सहिष्णुता, विवेक, विनय, वात्सल्य, एक नेतृत्व के प्रति आस्था, कृतज्ञता, आश्वास विश्वास आदि गुण हैं और एक-दूसरों के हितों की सुरक्षा करते हैं, निस्वार्थ भाव है, सेवा सहयोग का भाव है, वह घर स्वर्ग से बढ़कर है। उस घर को कोई भी परास्त नहीं कर सकता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि मोबाइल, टीवी के अधिक प्रयोग से बचें। इसका ज्यादा उपयोग करने से चरित्र का दुष्प्रभाव पड़ता है, स्मरणशक्ति कमजोर होती है, संबंधों में कटुता आती है। मुनिश्री ने विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि घर-परिवार को सुखी रखने के लिए रहना, कहना, सहना सीखें। साप्ताहिक संगोष्ठियाँ करें, व्यक्तिगत सुख-दुःख की बात सुनें, जिससे घर का वातावरण सरस बनेगा। मुनि परमानंद जी ने कहा कि परिवार में आपसी संवाद कायम रहने से सौहार्द स्थापित होता है। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया।
तेरापंथ सभा के अध्यक्ष धीरज धाड़ेवा ने स्वागत भाषण दिया। कोलकाता सभा के अध्यक्ष अजय भंसाली, पूर्व अध्यक्ष बुद्धमल लुणिया, महासभा के आंचलिक प्रभारी तेजकरण बोथरा, गणेशमल सिंघी, जालेश्वर से समागत शोभा जैन ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। आभार ज्ञापन धीरज धाड़ेवा व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय तेरापंथ सभा व तेममं के कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में विशेष रूप से कोलकाता, बेतनटी, जलेश्वर, बारीपदा आदि के लोगों की विशेष उपस्थिति रही।