आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के महाप्रयाण दिवस के कार्यक्रम

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के महाप्रयाण दिवस के कार्यक्रम

रोहिणी, दिल्ली
साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 14वाँ महाप्रयाण दिवस चार चरणोंµजपांजलि, ज्ञानांजलि, पतांजलि और श्रद्धांजलि के रूप में मनाया गया। सैकड़ों लोगों के स्वर ‘¬ श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नमः’ जप अनुष्ठान से श्रद्धा प्रणत थे। ज्ञानांजलि कार्यक्रम आचार्य महाप्रज्ञ जीवन दर्शन प्रतियोगिता के द्वारा मनाया गया। इसमें सुशीला पुगलिया एवं विमला जैन ने प्रथम स्थान तथा सविता सुराणा एवं सुनीता महणोत ने प्राप्त किया। पतांजलि के अंतर्गत लगभग 152 भाई-बहनों ने एकासन कर तप श्री चरणों में अर्पण किया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन-दर्शन आत्मा को ईश्वर मानता हुआ प्रारंभ हुआ और आत्मा में ही विलीन हो गया।
साध्वी सौभाग्ययशा जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ युगीन समस्याओं का समाधायक बनकर इस धरा पर अवतरित हुए। प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान जैसे अवदानों के द्वारा शारीरिक-मानसिक और भावनात्मक रोगों का निदान कर पूर्ण स्वस्थता प्रदान की। साध्वी कल्याणयशा जी ने कहा कि विद्वत्ता और विनम्रता का अद्भुत संयोग आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन में देखा जा सकता था। उनकी गुरुभक्ति, तीर्थंकरों के प्रति श्रद्धा अनुपमेय और बेजोड़ थी। ऐसी महान चेतना को शत-शत नमन। साध्वी कर्तव्ययशा जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ आत्मद्रष्टा, युगदृष्टा और भविष्यदृष्टा तीनों का समन्वय था। 14वें महाप्रयाण दिवस पर शत-शत श्रद्धांजलि।
इस अवसर पर रोहिणी की युवतियों द्वारा आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा रचित गीत की प्रस्तुति दी तथा आचार्य महाप्रज्ञ प्रेक्षाध्यानµएक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। ज्ञानशाला के बच्चों, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विजय जैन, मंत्री राजेंद्र सिंघी, कोषाध्यक्ष पराग जैन, राजुरा राखेचा, विमला सुराणा, ममता भंसाली, कमल बैंगानी ने अपने विचारों एवं गीतों के द्वारा प्रस्तुतियाँ दी। मंगलाचरण शीतल बैंगानी, अमिता पटावरी, कुसुम खटेड़ आदि द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन इंदिरा सुराणा द्वारा किया गया।