भगवान महावीर जयंती के विविध आयोजन

संस्थाएं

भगवान महावीर जयंती के विविध आयोजन

घाटकोपर
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में भगवान महावीर को श्रद्धा का अर्घ्य समर्पित किया गया। तप-जप व भक्ति भावों से चरम तीर्थपति भगवान महावीर का श्रद्धाभिषेक किया गया। साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर का जीवन-दर्शन जीने की प्रेरणा है। आज भी महावीर प्रासंगिक हैं, क्योंकि उनके सिद्धांत विश्व के लिए नितांत उपयोगी हैं। उन्होंने मानव जाति को तीन महान अकार दिए हैंµअहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह। भगवान महावीर की अहिंसा अकर्मण्यता नहीं है। साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि भगवान महावीर महान प्रेरणापुंज हैं। उनकी सहनशीलता, पापभीरूता व मातृ-पितृ भक्ति आदर्श थी। उनके आंतरिक गुणों का शतांश भी जीवन में धारण करके तो कल्याण हो जाए।
मुख्य अतिथि, घाटकोपर के आमदार राम कदम ने अपने संभाषण में महावीर कैसे बनें की सुंदर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि हम शांति ढूँढ़ते हैं, इच्छाओं के साथ। पर जब तक इच्छाएँ रहेंगीµशांति नहीं मिलेगी। महावीर जयंती समारोह का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के समुच्चार के साथ हुआ। घाटकोपर तेममं की संगायिका बहनों ने मंगलाचरण किया। इस अवसर पर समणी संचितप्रज्ञा जी ने प्रेरक अभिव्यक्ति दी। साध्वीवृंद ने भक्तिभरे स्वरों का संगान किया। तेरापंथ सभा, मुंबई के अध्यक्ष मदनलाल तातेड़, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष शांतिलाल बाफना, तेयुप अध्यक्ष राजेश सिंघवी, प्रवास व्यवस्था समिति के प्रबंधक मनोहर गोखरू, उपाध्यक्ष कुमुद कच्छारा, तेरापंथ महासभा उपाध्यक्ष अशोक तातेड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन रात्रि कार्यक्रम में धनपत व प्रातः सभा के मंत्री कमल कोठारी ने किया। आतिथ्य प्रायोजक मनोहर-वसंत कच्छारा व आमदार राम कदम का साहित्य से सम्मान किया गया।