ज्ञानशाला संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह

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ज्ञानशाला संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह

जसोल।
सिवांची मालाणी तेरापंथ क्षेत्रीय संस्थान द्वारा आयोजित मुनि सुमति कुमार जी व मुनि जयकुमार जी के आध्यात्मिक निर्देशन में पाँच दिवसीय जोधपुर संभाग स्तरीय ज्ञानशाला संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन हुआ। समापन समारोह स्थानीय नाकोडा रोड स्थित तेरापंथ सभा भवन जसोल में हुआ। मुनि सुमति कुमार जी ने कहा कि 7 से 15 तक की उम्र में यदि संस्कारों को अपना लिया जाए तो जीवन के साथ ही भविष्य का सुंदर निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि लघु दृष्टांत द्वारा प्रेरणा दी कि हमारे भीतर अनंतज्ञान, दर्शन, शक्ति है। अपेक्षा है उसे जागृत करने की। मुनि जय कुमार जी व मुनि देवारीय कुमार जी ने भी विचार रखे।
कार्यक्रम में तेरापंथ महासभा उपाध्यक्ष विजयराज मेहता, तेरापंथ महासभा के जोधपुर संभाग प्रभारी गौतम चंद सालेचा, प्रायोजक अशोक कुमार सिंघवी, मारवाड़ आंचलिक संयोजक सुरेंद्र सालेचा, मोटिवेटर स्पीकर विमल गुनेचा दिल्ली, राजेश खटेड़ चेन्नई, याशिका चेन्नई, अभातेममं संभाग प्रभारी सारिका बागरेचा बालोतरा, मोक्षित बागरेचा सहित वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र व फलसूंड के ज्ञानार्थियों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण संस्थान अध्यक्ष डूंगरचंद सालेचा ने प्रस्तुत किया और शिविर की संपूर्ण जानकारी दी। शिविर में भाग ले रहे बालकों द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी गई। शिविर प्रायोजक सुखराज, बाबूलाल, त्रिभूवनकुमार, अशोक, मृदुलकुमार सिंघवी परिवार असाड़ा-गांधीधाम-जोधपुर का सिवांची मालाणी संस्थान द्वारा बहुमान किया गया। साथ ही तेरापंथ सभा जसोल को भी सम्मानित किया गया।
शिविर संयोजक संपतराज चोपड़ा ने बताया कि शिविर में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय रहे बालकों को एवं पूरे पाँच दिवसीय शिविर में भाग ले रहे संभागियों को प्रशस्ति-पत्र, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। साथ ही अतिथि, मोटिवेटर स्पीकर, सभी प्रशिक्षक, शिविर संयोजक संपतराज चोपड़ा व राजेश बाफना सहित इस शिविर में सेवाएँ देने वाले कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। इस शिविर को लेकर स्थानीय जसोल, बालोतरा, पचपदरा के तेरापंथ सभा, तेयुप, तेममं, तेरापंथ किशोर मंडल एवं तेरापंथ कन्या मंडल के सदस्यों ने अपनी सेवाएँ दी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान मंत्री ललित श्रीश्रीमाल ने किया।