धर्म के सान्निध्य में सबका मंगल हो : शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

धर्म के सान्निध्य में सबका मंगल हो : शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण

मायानगरी मुम्बई में महातपस्वी महाश्रमण के नागरिक अभिनंदन में उमड़ा जनसैलाब 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित विभिन्न धर्मगुरुओं की रही उपस्थिति  

गोरेगांव, मुम्बई, 17 जून 2023
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी मलाड में स्थित विट्टी इण्टरनेशनल स्कूल से प्रात:काल मंगल बेला में विहार कर नेस्को ग्राउण्ड पधारे, जहाँ मानवता के मसीहा का मायानगरी की ओर नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित था। ज्योतिचरण का अनुगमन करते श्रद्धालुओं के साथ मुम्बई के हर क्षेत्र, वर्ग, जाति, धर्म, संप्रदाय के लोग भी आकर्षक परिधानों में सुसज्जित होकर निर्धारित गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे। चारों दिशाओं से उमड़ती जनता का एक ही गंतव्य था- नेस्को ग्राउण्ड। जन-जन पर आशीष वृष्टि करते हुए आचार्यश्री निर्धारित समय से पूर्व ही नेस्को ग्राउण्ड पहुँच गए। 
आचार्यश्री महाश्रमणजी मंचासीन हुए तो पूरा नेस्को ग्राउण्ड का विशाल परिसर जयघोषों से गुंजायमान हो उठा। मायानगरी मुम्बई की धरा पर मुम्बई की जनता की ओर से आयोजित जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता, मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के नागरिक अभिनंदन समारोह का शुभारंभ आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार से हुआ। 
नागरिक अभिनंदन समारोह में उपस्थित विशाल जनमेदिनी को सम्बोधित करते हुए युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने फरमाया कि दुनिया में सब लोग मंगल की कामना करते हैं। हर व्यक्ति स्वयं की मंगलकामना करने के साथ ही दूसरों के प्रति भी मंगलकामना व्यक्त करता है। जैन धर्म में सबसे उत्कृष्ट मंगलकारी धर्म को बताया गया है। अहिंसा, संयम और तपरूपी धर्म सबसे उत्तम मंगल हैं। हर धर्म के धर्मावलम्बी के लिए इन तीनों नियमों का पालन करना ही धर्म है। जिसके भी जीवन में इन तीनों का प्रभाव होता है, उसका जीवन मंगलमय हो जाता है। जिसका मन सदा धर्म में ही रमा रहता है, देवता भी उसे नमस्कार करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में अहिंसा, संयम और तप के विकास का प्रयास करना चाहिए। धर्म के सान्निध्य में रहने से सबका मंगल होगा।
वर्ष 2023 के चतुर्मास के लिए मुम्बई में आना हुआ है। हमारे साथ मुख्यमुनि, साध्वीप्रमुखा और साध्वीवर्या आदि साधु-साध्वियां भी हैं। मैं मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र की जनता के प्रति आध्यात्मिक मंगल की कामना करता हूं। महाराष्ट्र के सभी लोगों तथा मुंबईवासियों के जीवन में शांति, मैत्री, सद्भाव, नैतिकता और धर्म का प्रभाव बना रहे। आचार्यश्री ने समारोह में उपस्थित लोगों को अणुव्रत यात्रा के उद्देश्यों सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के विषय में समझाते हुए उनसे इन संकल्पों को अपने जीवन में स्वीकार करने का आह्वान किया तो सबने अपने स्थान पर खड़े होकर यह संकल्प लिया। जीवन में कभी किसी को कष्ट न पहुँचाए। दूसरों का कल्याण करें। ऐसा कोई भी काम न करें जिससे मनुष्य मात्र ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों सहित किसी भी प्राणी को कष्ट पहुँचे। इससे आपके जीवन में सदा सुख व शांति रहेगी। यह दृश्य जन-जन के मन को हर्षित करने वाला था।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त एक बार पुन: अभिनंदन का कार्यक्रम आरम्भ हुआ। जी बिजनेस के एडिटर एंड एमडी अनिल सिंघवी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण का ऐतिहासिक चातुर्मास पाकर मुबई व महाराष्ट्र की जनता धन्य हो गई है। 
इससे राज्य के लोगों को भौतिक सुख-समृद्धि के साथ ही साथ अपने जीवन के आध्यात्मिक उन्नयन का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। हम धन्य हैं कि हमें ऐसा धर्मसंघ और धर्माचार्य मिले हैं, जो हम सबको अपने चारित्रिक एवं आध्यात्मिक उन्नयन करने के लिए अपना मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
डब्बा एसोसिएशन के अध्यक्ष विष्णु कल्या ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आचार्यश्री महाश्रमण जी के सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संकल्प से अत्यंत प्रभावित हूँ। 
मेरा यह प्रयास रहेगा कि हमारे एसोसिएशन से जुड़े सभी लोग इस संकल्प का पालन करें। आचार्यश्री की प्रेरणा से प्रत्येक देशवासी को यह संकल्प लेना चाहिए।
बोहरा समाज के प्रतिनिधि मोइन भाई मांझी ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि आज हमें आचार्यश्री महाश्रमण का सान्निध्य प्राप्त हुआ है। बोहरा समाज का जैन समाज के साथ हमेशा आत्मीय सम्बंध रहा है।
ईसाई समाज की ओर से आचार्यश्री महाश्रमण की अभिवंदना करते हुए माइकल रोजारियो ने कहा कि आप अपने साधु-साध्वियों के साथ हजारों किलोमीटर की पदयात्रा कर लोगों को सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति का संदेश देते हुए यहाँ पधारे हैं, ईसाई समुदाय की ओर से हम आपका स्वागत करते हैं। हम सब विभिन्न सम्प्रदाय के लोग हैं और हमारा आपस में मिलना एक सुखद संयोग है। जिस तरह से विविध प्रकार के फूलों से गुलदस्ता बनता है, उसी तरह से विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों से हमारी भारतीय संस्कृति भी एक गुलदस्ता है।
समारोह में मुस्लिम समाज की ओर से इमाम सैय्यद जाफर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हर धर्म, हर मजहब हर दिन अच्छाई की राह पर चलने और बुराई से दूर रहने की बात पर जोर दिया जाता है, लेकिन हम सब अपने व्यावहारिक जीवन में इस बात को भूल जाते हैं। आचार्यश्री महाश्रमण के पावन सान्निध्य में आज का यह अवसर उसी अच्छाई को जिंदा रखने का पैगाम देने वाला है। हम सब इस संदेश को अपने जीवन में अपनाएं।
मानवता की सेवा का संदेश देने वाले महान संत आचार्यश्री महाश्रमणजी की अभिवंदना करते हुए सिख समुदाय के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने कहा कि मनुष्य का धार्मिक होना सबसे जरूरी है। आप चाहे जिस धर्म के अनुयायी हों, आपको धार्मिक होना चाहिए। सबके प्रति सद्भावना रखें और नशे की दुष्प्रवृत्ति से हमेशा दूर रहें। हम सबको शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दक्षिण भारतीय समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए एमएलए कैप्टन सेल्वम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह में एक ऐसे महान संत का स्वागत करने का अवसर मिला है, जो हजारों किलोमीटर की पदयात्रा के माध्यम से जनमानस को सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति का संदेश देते हुए मुंबई पधारे हैं।
विट्टी इण्टरेनशनल स्कूल के अध्यक्ष विनय जैन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण का मुंबई की धरा पर आगमन हम सबके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। आपश्री के नशा मुक्ति अभियान के माध्यम से जनमानस विशेष रूप से युवापीढ़ी को इस दुष्प्रवृति से बचाने के लिए आपके मार्गदर्शन की प्रार्थना करता हूँ।
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी का सद्भावना, नैतिकता व नशा मुक्ति का अभियान अतुलनीय ः उप मुख्यमंत्री
नागरिक अभिनंदन समारोह के विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस तथा राज्य के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे और उन्होंने एक भक्त की भांति उनके दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुम्बई महानगर की प्रतीकात्मक चाबी आचार्यश्री के श्रीचरणों में समर्पित की। इस मौके पर अपने सम्बोधन में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज के इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र की 12 करोड़ जनता की ओर से राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। आचार्यश्री ने साठ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई को तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य का चातुर्मास का लाभ प्रदान किया है। आपश्री ने अपनी अणुव्रत यात्रा के माध्यम से पूरे देश में सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति के संकल्पों के साथ जो अभियान चलाया है, वह अतुलनीय है। इस अभियान के तहत अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों को नशामुक्ति का संकल्प कराया गया है। नशे से मुक्ति के लिए संघर्षरत सरकार के लिए आपश्री प्रेरणा के स्रोत हैं। मुंबई में आपश्री के चातुर्मास से लाखों लोगों को लाभ प्राप्त होगा। मैं मुम्बई की जनता की ओर से एक बार पुन: आपका अभिनंदन करता हूँ।
मंगलवाणी से पुन: लाभान्वित हुई जनता 
आचार्यश्री ने पुन: उपस्थित जनसमुदाय को पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि मनुष्य जीवन में साधनों से भौतिक सुख-सुविधा और साधना से आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है। अगर हमारे जीवन में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का प्रभाव रहे तो इससे समाज में अपराध में भी कमी आ सकती है। उप मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई मुंबई महानगर की प्रतीकात्मक चाबी को हम अहिंसा, संयम और तप की चाबी मानते हैं। मुंबई में चातुर्मास से महाराष्ट्र की जनता में सुख-समृद्धि व शांति प्रबल हो। आर्थिक और भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिकता का भी विकास हो, यही मंगलकामना है।
इस भव्य कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, अनेक विधायक, विभिन्न धर्म-संप्रदाय के धर्मगुरु, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के प्रमुख व्यक्तियों सहित विशाल जनसमुदाय की उपस्थित देखने को मिली। तेरापंथ युवक परिषद्‌‍, तेरापंथ महिला मण्डल व तेरापंथ कन्या मण्डल ने आचार्यश्री के अभिनन्दन में गीत का संगान किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसयटी के अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति दी तथा अणुव्रत से संबंधित डॉक्यूमेंट्री की प्रस्तुति की गई। पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, गोपाल सेट्टी, विधायक गीता जैन व राज के. पुरोहित ने भी पूज्यप्रवर की अभिवंदना में अपनी अभिव्यक्ति दी। स्वगताध्यक्ष सुरेन्द्र बोरड़ पटावरी, जीतो के अध्यक्ष सुखराज नाहर, दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष केसी जैन, जैन भारत महामण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीसी डांगी, आरबीएसएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पृथ्वीराज कोठारी, कोटेक महिन्द्रा फण्ड के एम.डी. निलेश शाह, अग्रवाल विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने आचार्यश्री की अभिवंदना में अपनी अभिव्यक्ति दी।
रिक्शा एसोसिएशन के सदस्यों ने पूज्यप्रवर के दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। समारोह में ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि नेस्को का विशाल ग्राउण्ड भी छोटा पड़ गया। मायानगरी में महातपस्वी के महा अभिनंदन में उमड़ा जनसैलाब मानवता एवं सद्भावना का व्यापक संदेश देने वाला था।
आचार्यश्री के मंगल उद्बोधन के उपरान्त साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा ने विशाल जनमेदिनी को उद्बोधित करते हुए कहा कि मुंबई महानगरी में धर्मजगत के महापुरुष आचार्यश्री महाश्रमण का शुभागमन हुआ है। तेरापंथ धर्मसंघ के शिखर पुरुष का आगमन सबको रोमांचित कर रहा है। आज के इस भव्य समारोह में इसकी प्रत्यक्ष अनुभूति हो रही है। 
आचार्यश्री सबको एक सूत्र में जोड़ने का उेश्य लेकर पधारे हैं। यहाँ विभिन्न धर्मों के लोगों की उपस्थिति एक सुखद संयोग है। आचार्यश्री ने हमेशा सबको एक होने और सद्भावना, नैतिकता एवं नशा मुक्ति का का संदेश दिया है। 
मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री नेस्को ग्राउण्ड से विहार कर प्रवास हेतु बांगुर स्थित बांगुर विद्या मंदिर में पधारे।